मंत्री राठौड़ ने बताया कि एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स, जो हर साल लगभग 9,000 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट करता है, अब ‘सरल’ सॉफ्टवेयर से और अधिक दक्षता से संचालित होगा। इससे इनबाउंड कार्गो रजिस्ट्रेशन, प्री-डिपॉजिट अकाउंट, पेमेंट गेटवे ऑपरेशन, वेयरहाउस प्रबंधन, और मास्टर एयरवे बिल नंबर से उत्पाद पृथक्करण जैसे कार्य स्वचालित होंगे। इससे कार्यों की स्पीड, पारदर्शिता और डेटा नियंत्रण में बढ़ोतरी होगी।
डिजिटल बारकोडिंग, जीएसटी प्रबंधन, रेवेन्यू ट्रैकिंग और उपभोक्ता संतुष्टि के लिए भी ‘सरल’ एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है। इससे उत्पादों की बर्बादी रुकेगी, समयबद्ध सप्लाई संभव होगी और प्रभावी विपणन में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर राजसिको की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने बताया कि राजस्थली के हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए लंदन, सिंगापुर, दुबई, जयपुर, आगरा, हरिद्वार, बद्रीनाथ सहित देश-विदेश के प्रमुख स्थानों पर फ्रैंचाइज़ी मॉडल पर विक्रय केंद्र खोले जाएंगे।
इससे राजस्थान के पारंपरिक हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है।यह पहल राजस्थान को डिजिटल व्यापार और निर्यात के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।