इन विधेयकों पर बहस तो दूर सदन में पेश करवाने में भी विधायकों को सफलता नहीं मिली। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए भी अधिकारियों का सहयोग नहीं मिला। उनका सुझाव है कि विधानसभा सचिवालय इस कार्य में विधायकों का सहयोग करें। इंटर्न उपलब्ध कराकर भी मदद की जा सकती है।
विधानसभा सचिवालय को इस कार्य में विधायकों का सहयोग करना चाहिए। विधानसभा को गैर सरकारी विधेयक के संबंध में विधायकों को प्रशिक्षण देना चाहिए, इसमें विधि सचिव को भी बुलाया जाए। इससे विधायक प्रोत्साहित होंगे और सदन में बहस की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। -सी पी जोशी, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान विधानसभा
60 दिन भी नहीं चलता सदन
14वीं विधानसभा में मेरे विधेयक पर बहस होनी थी, लेकिन सदन स्थगित हो गया। विस में हर दूसरा शुक्रवार निजी विधेयक के लिए तय है, लेकिन साल में 60 दिन सदन चलता नहीं। कार्य सलाहकार समिति शुक्रवार को अन्य कार्य तय कर देती है। –घनश्याम तिवाड़ी, सांसद
विधि विभाग करे सहयोग
मैंने राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलाने और मंदिर माफी की जमीनों से जुड़े विषयों को लेकर विधेयक लाने का प्रयास किया। विधायक विधान बनाते हैं, उन्हें यह पता नहीं कि विधान कैसे बनता है। सदन ज्यादा दिन चले और विधि विभाग सहयोग करे। –राजेन्द्र राठौड़, पूर्व नेता प्रतिपक्ष
इन्टर्न उपलब्ध कराए जाएं
चार साल पहले मैंने विधेयक लाने का प्रयास किया। सचिवालय में कई चक्कर लगाए, लेकिन विधि विभाग से सहयोग नहीं मिला। विधायकों को लॉ इन्टर्न उपलब्ध कराए जाने चाहिए। –रोहित बोहरा, विधायक