पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से जयपुर आर्ट वीक राजस्थान पत्रिका के सपोर्ट से आयोजित हो रहा है। ‘आवतो बायरो बाजे: द थंडर्स रोर ऑफ एन एंपेंडिंग स्टोर्म’ थीम पर हो रहे कार्यक्रम को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे लिवरपूल बाइनियल, ब्रिटिश काउंसिल, एमबसेड द फ्रांस के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। आठ दिवसीय जयपुर आर्ट वीक में दुनियाभर के 30 से ज्यादा कलाकार भाग ले रहे हैं। आर्ट वीक का समापन सोमवार को होगा।
देशभर से आए प्रतिभागी
इस वर्कशॉप ने न केवल प्रतिभागियों को अपनी कला में सुधार करने का मौका दिया, बल्कि उन्हें जयपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को करीब से समझने का भी अवसर दिया।
साथ ही ऑन-लोकेशन स्केचिंग के माध्यम से कला और धरोहर के प्रति जुड़ाव महसूस किया। इस वर्कशॉप में भाग लेने देशभर से प्रतिभागी आए। इससे पहले जल महल की पाल पर आर्टिस्ट निशांत घीया की फोटोग्राफी वर्कशॉ का आयोजन हुआ।
यादगार रहा अनुभव
पुणे से आई एक प्रतिभागी शिरीन कदम ने कहा कि हवा महल जैसे ऐतिहासिक स्थल पर यह मेरा पहला ऑन-लोकेशन स्केचिंग अनुभव रहा। हवा महल की बारीकियों को स्केच करना एक चुनौती थी।
चेन्नई से आई अक्षरा ने कहा कि जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर को इस तरह चित्रित करना एक अनूठा अवसर रहा। वहीं लुधियाना से आए गुरप्रीत सिंह ने कहा कि हवा महल के साए में बैठकर इसे स्केच करना एक अलग ही एहसास देता है।