डीजीसीए और प्रशासन की लापरवाही
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर संचालन की चुनौतियां जगजाहिर हैं। खराब मौसम, कम दृश्यता, और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तकनीकी खामियां हादसों के प्रमुख कारण रहे हैं। इसके बावजूद, डीजीसीए ने केवल क्रिस्टल एविएशन के संचालन को निलंबित किया है, जबकि अन्य कंपनियों पर सख्त कार्रवाई का अभाव दिखता है। स्थानीय प्रशासन पर भी हेलीपैड की निगरानी और सुरक्षा मानकों को लागू करने में ढिलाई का आरोप है। स्थानीय लोगों और यात्रियों में डर का माहौल है। डीजीसीए व स्थानीय प्रशासन की कथित लापरवाही पर आक्रोश बढ़ रहा है। केदारनाथ और गंगोत्री जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर संचालन जोखिम भरा है, जिसके लिए डीजीसीए और स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू की है और कुछ हेली सेवाओं पर रोक लगाई गई है।
ये है हाल ही हुए हादसे
15 जून 2025 गौरीकुंड: आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर जंगल में भटक गया था, बाद में आज सुबह ५.२० बजे क्रेश हो गया। सात लोगों की मौत हो गई। 7 जून 2025: क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर केदारनाथ जा रहा था, तकनीकी खराबी के चलते बडासू के पास रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। हेलीकॉप्टर में पायलट सहित छह लोग थे। पायलट को मामूली चोटें आईं।
25 मई 2025 को केदारनाथ में क्रिस्टल एविएशन के हैलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण आपात लैंडिंग करानी पड़ी। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। पायलट सहित छह लोग सवार थे। 17 मई 2025 को केदारनाथ हेलीपैड पर एक एयर एंबुलेंस लैंडिंग के दौरान बेकाबू हो गई। टेल रोटर टूटने से हादसा। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। यह एम्स ऋषिकेस की एंबुलेंस थी, जो एक मरीज को एयर लिफ्ट करने आई थी। इसमें पायलट सहित तीन लोग थे।
8 मई 2025 को गंगनानी, उत्तरकाशी एयरोट्रांस सर्विसेज का हेलीकॉप्टर गंगोत्री जाते समय ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया।