ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक फरवरी में दो तारीख को बसंत पंचमी, मार्च में एक को फुलेरा दोज, अप्रेल में छह को रामनवमी, 30 को अक्षयतृतीया का अबूझ सावा रहेगा। पांच मई को जानकी नवमी, 12 मई को पीपल पूर्णिमा, जून में पांच को गंगादशमी और छह को निर्जला एकादशी, जुलाई में चार को भड़ल्या नवमी व छह जुलाई को देवशयनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त है। देवउठनी एकादशी (एक नवंबर) तक मांगलिक कार्य नहीं रहेंगे। 14 मार्च से 13 अप्रेल तक मीन मलमास होने के कारण इस अवधि में भी विवाह का सावा नहीं होगा। 15 दिसंबर से 14 जनवरी 2026 तक धनु मलमास रहेगा। इस प्रकार वर्ष 2025 में बीते साल से नौ मुहूर्त कम रहेंगे।
डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी जगह बुक
ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन राजस्थान के अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल ने बताया कि गार्डन से लेकर रिसोर्ट, होटल में बड़ी संख्या में शादियां होगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी जगह बुक करवाई गई है। शादी कारोबार से जुड़े लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
विवाह के लिए पांच तथ्य खासतौर पर देखे
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक विवाह की कुंडली में लग्न के 12वें भाव में यदि शनि और 10वें भाव में मंगल हो तो विवाह नहीं करना चाहिए। हालांकि सामान्य कुडली में ये ग्रह इन भावों में हो सकते हैं, इससे विवाह मुहूर्त पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। विवाह के लिए पांच तथ्य खासतौर पर देखे जाते हैं। इसके तहत वर और वधू के लिए सूर्य और गुरु का बल, विवाह के दिन चंद्रमा की स्थिति, विवाह की रेखा और विवाह के समय लग्न (स्थिर, चलित, अस्थिर) आदि को देखने के बाद ही विवाह का मुहूर्त तय होता है। इसके अलावा अन्य तथ्यों जैसे जन्म कुंडली मिलान, नाड़ी मिलान, गुण मिलान आदि विवाह से पहले देख लिए जाते हैं। उदाहरण के लिए जिस दिन और समय के सूर्य-गुरु के बल, चंद्रमा की स्थिति से तय होता है।
शहर में होंगी 25 हजार से अधिक शादियां
इस वर्ष जनवरी, फरवरी में सबसे ज्यादा शादियों के मुहूर्त हैं। जनवरी से मार्च तक लगभग 24 सावे रहेंगे। जयपुर शहर में 25 हजार से अधिक शादियां होगी। 15 मार्च से होलिका डांडा रोपने के बाद एक महीने तक शादियां नहीं होगी। इसके बाद 15 अप्रेल से बड़ी संख्या में शादी-विवाह होंगे। भवानी शंकर माली, महामंत्री, ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन राजस्थान