इस ट्यूमर के ऑपरेशन के दौरान रीढ़ की हड्डी सिर से लेकर आधे धड़ तक एक भाग में पीछे से काटी गई। जिसे ट्यूमर निकालने के पश्चात पुन: अपनी जगह पर जोड़ा गया। संपूर्ण ट्यूमर को ब्रेन से लेकर स्पाइनल कॉर्ड के निचले हिस्से तक नसों के बीच से एक साथ पूर्ण रूप से निकाला गया। ऑपरेशन में करीब 8 घंटे का समय लगा। मरीज का ऑपरेशन सफल रहा। अब मरीज की हालत में सुधार है। महिला अब सफलतापूर्वक चलने लगी है। यह ऑपरेशन चिरंजीवी योजना के चलते पूर्णतः नि:शुल्क हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों एवं रिकॉर्ड के अनुसार यह ट्यूमर अभी तक का विश्व का सर्वाधिक लंबाई का स्पाइन ट्यूमर (इंट्रामेडुलरी ट्यूमर) पूरा एक साथ निकल गया है। जिसको मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भी भेजा गया है।
6 वर्ष से परेशान थी महिला
जयपुर निवासी महिला मरीज लविना चारों हाथ पैर के लकवा से पीड़ित थी। 6 वर्ष से गर्दन और कंधों के दर्द से परेशान थी। जिसके लिए वह दर्द निवारक दवाइयां लेती थी। समय के साथ उसकी दिक्कत बढ़ती गई। उसे फिजियोथेरेपी से भी कोई लाभ नहीं हुआ। दूसरे बच्चे के जन्म के बाद दाएं हाथ व बाजू में सुन्नपन और कमजोरी महसूस हुई। सितंबर 2024 में दोनों पैरों में भी कमजोरी आ गई। जिससे कभी चलते हुए भी गिर जाती थी और दोनों पैरों में झटके महसूस होते थे। इन सबसे वह शारीरिक व मानसिक रूप से भी परेशान हो गई थी। अस्पतालों में दिखाया पर नहीं मिला आराम
कई डॉक्टरों व अस्पतालों में दिखाने के बाद भी उसे कोई आराम नहीं मिला। परिजनों ने महिला को जयपुर शहर के कई अस्पतालों में दिखाया। करीब 8 से 10 लाख का खर्चा बताया गया। इसके बावजूद भी ठीक होने का कोई संतोष जनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद परिजनों ने एसएमएस अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में मरीज को दिखाया। महिला का ऑपरेशन एसएमएस अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉक्टर अचल शर्मा एवं डॉक्टर गौरव जैन ने किया। डॉ. मधुर, डॉ.हर्षिल, डॉ. सागर (न्यूरो सर्जरी विभाग) डॉ शोभा पुरोहित एवं डॉ. नीलू शर्मा (निश्चेतना विभाग) के साथ पूरी टीम का सहयोग रहा।