तेज बारिश के कारण कई जिलों में जलभराव हो गया। कोटा में 95 मिमी, डूंगरपुर में 90 मिमी, प्रतापगढ़ में 80 मिमी, उदयपुर में 75 मिमी, टोंक में 70 मिमी और बूंदी में 65 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। सवाई माधोपुर में बाढ़ जैसे हालात हो गए। जिला कलेक्ट्रेट और बौली थाना परिसर में पानी घुस गया। थाना परिसर के सभी कक्ष और अधिकारी आवास तक जलमग्न हो गए।
सीकर जिले में विधायक के घर में पानी भर गया। अजमेर के केकड़ी में तालाब में डूबने से 12 वर्षीय बालक की मौत हो गई। बांसवाड़ा जिले में मां-बेटे की नदी में डूबने से जान चली गई। सवाई माधोपुर के बंधा गांव में पूर्व सरपंच कमल प्रसाद मीणा नहर पार करते समय गिर गए और डूबकर उनकी भी मौत हो गई। श्रीगंगानगर के श्रीविजयनगर में तेज बारिश और बिजली गिरने से दो मकान ढह गए। मलबे में दबकर पांच साल की बच्ची की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए।
टोंक जिले से राहत की खबर आई है। बीसलपुर बांध का जलस्तर बढ़कर 313.77 आरएल मीटर पहुंच गया है। यह बांध जयपुर, अजमेर और टोंक की पेयजल आपूर्ति का बड़ा स्रोत है। लगातार बारिश से इसकी भराव क्षमता के करीब पहुंचने की उम्मीद है।
प्रदेश के कुछ हिस्सों में अब भी गर्मी भी बनी हुई है। श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री, बीकानेर में 40 और जैसलमेर में 38.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। अधिकांश जिलों का पारा बारिश के कारण गिर गया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
तेज बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में नदियों-नालों में पानी की आवक बढ़ गई है। जिससे कई मार्ग बाधित हो चुके हैं। प्रशासन ने अलर्ट मोड पर रहकर एसडीआरएफ और अन्य राहत दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। जलभराव, मकानों को नुकसान और बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। जिससे सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता और बढ़ गई है।