गहलोत ने आरोप लगाया कि राजस्थान में भाजपा की सरकार आने के बाद संजीवनी सोसायटी घोटाले की जांच लगभग बंद हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य की एसओजी (SOG) अब कई आरोपियों को आरोपी मानने से भी इनकार कर रही है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा सरकार निवेशकों के साथ अन्याय कर रही है।
अधिकारियों ने निवेशकों के साथ किया अन्याय
अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखते हुए कहा कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में आमजन से ठगी की एवं उनकी मेहनत की कमाई को लूटा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस लूट की कमाई से अर्जित की गई कई संपत्तियों को अटैच किया जिससे कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर निवेशकों को उनकी राशि लौटाई जा सके।
उन्होंने कहा- ऐसा जानकारी में आया है कि 8 अप्रैल 2019 को आदर्श सोसायटी की संपति अटैच करने के बाद 2024 एवं 2025 में बिना प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अनुमति के सिरोही के अधिकारियों ने कई जमीनों का नामांतरण अवसायक (लिक्विडेटर) के नाम पर खोल दिया। इसके अलावा लगभग 22 बीघा जमीन को पिछले दिनों बाजार दर से एक चौथाई कीमत पर नीलाम कर दिया गया। यह दिखाता है कि भाजपा के नेता एवं राज्य सरकार के अधिकारी मिलकर निवेशकों के साथ अन्याय कर रहे हैं।
इसी प्रकार, राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद संजीवनी सोसायटी मामले की जांच भी लगभग रुक सी गई है और कई आरोपियों को SOG अब आरोपी ही नहीं मान रही है।
मोदी-शाह से संज्ञान लेने की उठाई मांग
अशोक गहलोत ने कहा- मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह करता हूं कि आदर्श सोसायटी के मामले में की जा रहीं इन वित्तीय अनियमितताओं पर संज्ञान लें एवं राजस्थान में आदर्श, संजीवनी जैसी सोसायटियों के पीड़ितों को न्याय दिलवाने की कार्रवाई करें।
जूली ने भी BJP सरकार पर साधा निशाना
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (ACCSL) घोटाले को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (ACCSL) द्वारा राजस्थान सहित 28 राज्यों में 800 से अधिक शाखाओं के जरिए गरीबों की गाढ़ी कमाई को लुटा जिसे लेकर सोसायटी पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप है l टीकाराम जूली ने कहा कि सोसायटी ने निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच देकर करोड़ों रुपये की आपराधिक आय (Proceeds of Crime) अर्जित की, जिसे रियल एस्टेट एवं अन्य व्यवसायों में डायवर्ट किया गया। जिसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वर्ष 2019, 2021 और 2024 में कई बार उनकी संपत्तियों को अटैच किया ताकि कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर इन संपत्तियों को बेचकर निवेशकों को उनकी राशि वापस की जा सके।
जूली ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वार आदर्श सोसायटी की संपति अटैच करने के बाद भी वर्ष 2024 एवं 2025 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अनुमति लिए बिना सिरोही के अधिकारियों ने कई जमीनों का नामांतरण लिक्विडेटर के नाम पर खोल दिया गया और करीब 22 बीघा जमीन को बाजार दर से बहुत कम दामों पर नीलाम किया गया। आखिर यह इतना “बड़ा खेल” किस की “सह” पर हो रहा है ?
उन्होंने कहा कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (ACCSL) के मामले में की जा रहीं इन वित्तीय अनियमितताओं पर सरकार संज्ञान लें और राजस्थान में आदर्श, संजीवनी जैसी सोसाइटियों के पीड़ितों को न्याय दिलवाने की कार्रवाई करें। साथ ही सिरोही में हुई नामांतरण और नीलामी की स्वतंत्र जांच हो, जिसमें ED की भूमिका और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए। यह लाखों निवेशकों के हितों से जुड़ा हुआ मुद्दा है।
संयम लोढ़ा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को दी जानकारी
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार रहे संयम लोढ़ा ने भी इस घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सिरोही के अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन कर 22 बीघा जमीन का नामांतरण किया और इसे बाजार दर से बहुत कम कीमत पर बेच दिया। संयम लोढ़ा ने कहा कि मैंने इस पूरे मामले की जानकारी राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा को दी है। यदि भाजपा के नेता इस घोटाले में शामिल नहीं हैं, तो उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जिन्होंने यह गड़बड़ियां की हैं।
मुकेश और राहुल मोदी ने शुरू की थी आदर्श सोसायटी
बता दें कि आदर्श सोसायटी के मुकेश मोदी और उनके भाई राहुल मोदी ने मिलकर इसकी की स्थापना 1999 में की थी। इस सोसायटी ने 28 राज्यों में अपनी 806 शाखाएं खोली थीं। इनमें से 309 शाखाएं अकेले राजस्थान में थीं। सोसायटी ने लगभग 20 लाख निवेशकों को झांसा देकर उनके करोड़ों रुपये हड़प लिए। ED की जांच में पता चला है कि सोसायटी के संचालकों ने निवेशकों का पैसा नियमों के ख़िलाफ अपने और अपने परिवार के खातों में ट्रांसफर किया था। ED इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
14 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी का मामला
गौरतलब है कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ जयपुर में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि इसने निवेशकों से करोड़ों रुपये का निवेश कराके धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। इसमें निवेशकों को इन्वेस्टमेंट के बदले तीन बॉन्ड दिए गए थे। लोगों को तय समय पर लाभांश और जमा की गई रकम वापस करने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा कभी हुआ ही नहीं। इसमें करीब 20 लाख लोगों ने 14 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया था। इस सोसायटी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी शाखाएं खोलकर लोगों को जोड़ा था।