scriptलिव-इन रिलेशनशिप पर कब बनेगा कानून? राजस्थान विधानसभा में अब तक नहीं हुई चर्चा | When will a Law be made on Live-in Relationships Rajasthan High Court Asked but there is no Discussion in Rajasthan Assembly yet | Patrika News
जयपुर

लिव-इन रिलेशनशिप पर कब बनेगा कानून? राजस्थान विधानसभा में अब तक नहीं हुई चर्चा

Live-in Relationship : राजस्थान में लिव-इन रिलेशनशिप पर हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से कानून बनाने को फिर कहा। पर विधानसभा में अब तक चर्चा ही नहीं हुई।

जयपुरFeb 11, 2025 / 08:01 am

Sanjay Kumar Srivastava

When will a Law be made on Live-in Relationships Rajasthan High Court Asked but there is no Discussion in Rajasthan Assembly yet
शैलेन्द्र अग्रवाल
Live-in Relationship : राजस्थान में लव जिहाद पर जल्द कानून बनाने की तैयारी है, वहीं लिव-इन रिलेशनशिप में महिलाओं व बच्चों के संरक्षण के लिए कानून बनाने की राज्य मानव अधिकार आयोग की सिफारिश साढ़े पांच साल से ठंडे बस्ते में दबी है। हाल ही राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से कानून बनाने को फिर कहा, लेकिन विधानसभा में अब तक चर्चा ही नहीं हुई।

सिर्फ उत्तराखंड में है कानूनी संरक्षण

उत्तराखंड को छोड़कर किसी राज्य में लिव-इन में रह रही महिलाओं और उनके बच्चों के लिए कानूनी संरक्षण नहीं है। इससे ये महिलाएं और उनके बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं और पुलिस भी इनकी मदद करने से पीछे हट जाती है। सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसलों के कारण कानूनी भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
यह भी पढ़ें

राजस्थान के सरकारी स्कूलों को मिलेंगे 4242 प्रिंसिपल, स्थायी वरीयता सूची जारी

लिव इन में दोनों करें बच्चों की परवरिश

हाईकोर्ट ने कहा कि लिव-इन में रहने वाले पुरुष और महिला दोनों अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और देखभाल की जिम्मेदारी उठाएं। महिला आर्थिक रूप से कमजोर है तो मां-बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी पुरुष पर है। संसद-विधानसभा कानून बनाएं और कानून बनने तक राज्य सरकार ट्रिब्यूनल या सक्षम अधिकारी नियुक्त करे, जहां लिव इन एग्रीमेंट का पंजीयन हो।
यह भी पढ़ें

JDA Housing Scheme : जेडीए की 2 आवासीय योजना की लॉटरी कब निकलेगी, जानें डेट

राज्य मानव अधिकार आयोग ने वर्ष 2019 में राज्य सरकार को सिफारिश की

1- केंद्र या राज्य सरकार कानून बनाए।
2- पंजीकरण अनिवार्य कर पात्रता तय हो।
3- लिव-इन पार्टनर्स की जिम्मेदारी सुनिश्चित हो।
4- लिव-इन समाप्त होने पर विवादों की सुनवाई जिला न्यायालय से नीचे न हो।
यह भी पढ़ें

Good News : जयपुर में 12 वर्ष बाद जारी होगी ऑटो की रेट लिस्ट, मीटर सिस्टम भी होगा लागू

अलग-अलग कोर्ट के फैसले

1- सुप्रीम कोर्ट : शादीशुदा पुरुष के साथ लिव-इन में रहने वाली महिला को भरण-पोषण दिलाना वैध पत्नी और परिवार के हितों के खिलाफ होगा।
2- पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : अवैध रिश्तों में रहने वालों को संरक्षण नहीं दिया जा सकता।
3- राजस्थान हाईकोर्ट : एक या दोनों पार्टनर विवाहित हों तो सुरक्षा के लिए थानाधिकारी के पास जाएं।
4- इलाहाबाद हाईकोर्ट : युवाओं में ऐसे संबंध बढ़ रहे हैं, ऐसे रिश्तों के संबंध में गंभीरता से विचार जरूरी।
यह भी पढ़ें

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की सख्ती, 1 अप्रेल के बाद अनुपस्थित अभ्यर्थी देंगे भारी पेनल्टी, जानें क्यों

महिलाओं और बच्चों को नहीं मिलना चाहिए दर्द…

हाल ही राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने टिप्पणी की कि लिव-इन के टूटने पर महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा पीड़ा झेलनी होती है। भले ये रिश्ते शादी जैसे न हो, लेकिन इसमें जन्मे बच्चों के अधिकार सुरक्षित होने चाहिए।

Hindi News / Jaipur / लिव-इन रिलेशनशिप पर कब बनेगा कानून? राजस्थान विधानसभा में अब तक नहीं हुई चर्चा

ट्रेंडिंग वीडियो