script‘भारत-पाक के बीच ट्रंप साहब ठेकेदार क्यों बने?’, अशोक गहलोत ने पूछा सवाल; सीजफायर के बाद दागे 7 बड़े सवाल | Why did Trump come between India and Pakistan Ashok Gehlot asked question after ceasefire | Patrika News
जयपुर

‘भारत-पाक के बीच ट्रंप साहब ठेकेदार क्यों बने?’, अशोक गहलोत ने पूछा सवाल; सीजफायर के बाद दागे 7 बड़े सवाल

Opretion Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक सीजफायर के निर्णय पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से कई सवाल पूछे हैं।

जयपुरMay 13, 2025 / 01:19 pm

Nirmal Pareek

Ashok Gehlot
Opretion Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच घोषित अचानक सीजफायर पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मंगलवार को AICC मुख्यालय, दिल्ली में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र सरकार से सीधा सवाल किया कि ट्रंप साहब भारत-पाक मसले में ठेकेदार कैसे बन गए?

संबंधित खबरें

अशोक गहलोत ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जनता को निराश किया और सीजफायर को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी। उन्होंने पूछा कि जब भारतीय सेना आतंकवाद पर सख्ती से प्रहार कर रही थी, तो अचानक अमेरिका के दबाव में सीजफायर क्यों किया गया।

पीएम मोदी से गहलोत के सवाल-

किस दबाव में है मोदी सरकार?

अशोक गहलोत ने कहा कि देश को यह जानने का अधिकार है कि क्या मोदी सरकार किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में यह निर्णय ले रही है?
ट्रंप ने कौन सी ठेकेदारी ले रखी है?

उन्होंने पूछा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत-पाक सीमा विवाद में मध्यस्थता करने का अधिकार किसने दिया?

कश्मीर मामले में UN नहीं आता, ट्रंप कैसे आए?
गहलोत ने कहा कि कश्मीर जैसा संवेदनशील मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है। ऐसे में तीसरे देश द्वारा इसमें पंचायती करना भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाता है।

पीएम ने डैमेज कंट्रोल में चूक की?
गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित तो किया, लेकिन ट्रंप के बयान और सीजफायर के असल कारणों पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया।

देश के लोग सकते में हैं, जवाब चाहते हैं?
उन्होंने कहा कि देश भर में जो एकजुटता दिखी थी, वो अचानक सीजफायर के कारण धुंधली पड़ गई है और जनता अब जवाब चाहती है।

सीजफायर के बाद भी फायरिंग क्यों हुई?

गहलोत ने कहा कि यदि सीजफायर लागू हो चुका था, तो फिर श्रीगंगानगर और जैसलमेर में फायरिंग और मिसाइल मलबा क्यों मिला? उन्होंने मांग की कि सरकार इस विसंगति पर स्थिति स्पष्ट करे।
‘सेना की मेहनत, लेकिन फैसला अमेरिका का?’

गहलोत ने कहा कि भारतीय सेना ने पूरे घटनाक्रम में साहसिक और निर्णायक भूमिका निभाई, लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फैसले कहीं और से लिए जा रहे हैं। हमारी सेना सीमा पर शौर्य दिखा रही थी और अमेरिका घोषणा कर रहा है कि भारत-पाक के बीच सीजफायर हो गया। ये कैसे संभव है?

यहां देखें वीडियो-


‘इंदिरा गांधी ने अमेरिका की परवाह नहीं की थी’

पीसी में गहलोत ने भारत के अतीत का उदाहरण देते हुए कहा कि 1971 में जब अमेरिका ने भारत पर दबाव डाला था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्पष्ट किया था कि भारत अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। परिणामस्वरूप पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंटा। लेकिन आज की सरकार चुप्पी साधे बैठी है।

‘मोदी को देना चाहिए था सीधा जवाब

इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि जब ट्रंप का बयान पहले आ चुका था, तो प्रधानमंत्री को अपनी स्पीच में उसका ज़िक्र कर जनता को भरोसे में लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी, यह अच्छी बात है, लेकिन क्या यह ब्लैकमेलिंग रोकने के लिए ही सीजफायर किया गया?

‘सिर्फ डीजीएमओ का कॉल काफी नहीं’

गहलोत ने सरकार के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच फोन पर बातचीत के बाद सीजफायर हुआ। क्या सिर्फ एक कॉल से इतने गंभीर फैसले लिए जा सकते हैं? सरकार को जनता के सामने पूरी सच्चाई रखनी चाहिए।
बता दें, भारत-पाक में सीजफायर के बाद कांग्रेस का कहना है कि मौजूदा हालात में देश की जनता के सामने स्पष्ट, पारदर्शी और तथ्यात्मक जानकारी रखना ज़रूरी है। राहुल गांधी ने इस मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है। गहलोत ने अंत में कहा कि पूरा देश एकजुट था। विपक्ष आपके साथ खड़ा था। लेकिन अब अगर सरकार की ओर से चुप्पी रही तो यह भरोसे को तोड़ेगा।

Hindi News / Jaipur / ‘भारत-पाक के बीच ट्रंप साहब ठेकेदार क्यों बने?’, अशोक गहलोत ने पूछा सवाल; सीजफायर के बाद दागे 7 बड़े सवाल

ट्रेंडिंग वीडियो