स्कूल हैं, पर नहीं शिक्षक
क्षेत्र में कुल 242 विद्यालय हैं – 145 प्राथमिक, 43 उच्च प्राथमिक और 54 उच्च माध्यमिक। इनमें 46 प्रधानाचार्य पदों में से 29 खाली हैं। 126 व्याख्याताओं में से 44 और 211 वरिष्ठ अध्यापकों में से 92 पद रिक्त हैं। नतीजतन, स्कूलों में पढ़ाई ठप हो रही है और छात्रों का भविष्य अधर में है।
भवनों की हालत खस्ता, खतरे में जान
करीब 20 विद्यालयों के भवन जर्जर हो चुके हैं। समय पर मरम्मत न होने के कारण कक्षाओं की दीवारें और छतें गिरने के कगार पर हैं। बारिश या आंधी में किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
21 स्कूलों में अब तक बिजली नहीं
क्षेत्र के 21 विद्यालयों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है, जिससे गर्मी के मौसम में बिना पंखों के पढ़ाई हो रही है। अंधेरे कक्षों में बच्चों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
शीघ्र भरे जाएंगे पद, भवन-मरम्मत के भिजवाए प्रस्ताव
मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी हेमशंकर जोशी ने बताया कि प्रधानाचार्य व व्याख्याताओं के पदस्थापन आदेश जारी कर दिए गए हैं। शीघ्र ही पद भरने की प्रक्रिया पूरी होगी। जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। विद्युत कनेक्शन के लिए भी आवेदन किया गया है, लेकिन डिमांड राशि अधिक होने के कारण कई स्कूल जमा नहीं कर पाए हैं। इस बाबत उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।