scriptफॉल्ट दूर करवाने में ही छूट जाते हैं पसीने, ऑफिस में भी काटने पड़ते हैं चक्कर दर चक्कर | It takes a lot of sweat to get the faults rectified, one has to make rounds in the office too | Patrika News
जैसलमेर

फॉल्ट दूर करवाने में ही छूट जाते हैं पसीने, ऑफिस में भी काटने पड़ते हैं चक्कर दर चक्कर

मौजूदा समय में बड़ी से बड़ी कम्पनियां उपभोक्ताओं की सुविधा और उनकी मांग के अनुरूप स्वयं के उत्पादों व सेवाओं को ढालने में जुटी नजर आती हैं, लेकिन सरकारी बिजली कम्पनी डिस्कॉम के साथ ऐसा नहीं है।

जैसलमेरMay 14, 2025 / 08:46 pm

Deepak Vyas

मौजूदा समय में बड़ी से बड़ी कम्पनियां उपभोक्ताओं की सुविधा और उनकी मांग के अनुरूप स्वयं के उत्पादों व सेवाओं को ढालने में जुटी नजर आती हैं, लेकिन सरकारी बिजली कम्पनी डिस्कॉम के साथ ऐसा नहीं है। जैसलमेर के करीब 20 हजार से अधिक उपभोक्ताओं की पीड़ा थमने का नाम ही नहीं ले रही।बिजली उपभोक्ताओं के घर, प्रतिष्ठान या खेत आदि में कोई फॉल्ट आ जाए तो उसे दुरुस्त करवाने में उसके पसीने छूट जाते हैं। निरंतर फैलते शहर व बढ़ते कनेक्शनों की संभाल के लिए जरूरी कार्मिकों की डिस्कॉम के पास नितांत कमी है। इसके अलावा अभियंता भी गिनती के हैं। उनके फोन बंद आना या उनकी तरफ से शिकायतों की सुनवाई नहीं करना आम बात हो चुकी है। छोटे-छोटे फॉल्ट को दूर करने में घंटों का समय लगता है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में आए दिन कहीं न कहीं तकनीकी खामी के चलते विद्युत कटौती कड़वी सच्चाई बन चुकी है। आंधी-तूफान या बारिश का मौसम बनता है तब तो शहर का कई-कई घंटों तक बिजली के लिए तरसना आम हो चुका है।

सेवाएं लेना आसान नहीं

डिस्कॉम के कार्यालय से मीटर बदलवाना हो चाहे, लोड बढ़वाना अथवा नया कनेक्शन जारी करवाना हो, ये सब काम इतने मुश्किल हो जाते हैं कि संबंधित व्यक्ति कार्यालय के चक्कर दर चक्कर काटने को विवश हो जाते हैं। एक के बाद एक कई तरह की औपचारिकताओं की पूर्ति करवाने के बावजूद डिस्कॉम के अधिकारी स्तर से काम करवाना आसान नहीं है। थक-हार कर काम करवाने की चाहत रखने वाला किसी न किसी जनप्रतिनिधि या प्रभावशाली व्यक्ति की शरण लेने को विवश हो जाता है। वर्तमान गर्मी के मौसम में घरों व प्रतिष्ठानों आदि में कूलर-एयरकंडीशनर का उपयोग बढऩे से लाइनों पर लोड बढऩे की समस्या आम है। इसके बावजूद अगर कोई उपभोक्ता अपना सिंगल फेज कनेक्शन को थ्री फेज करवाने के लिए पहुंचता है, तो यह काम भी आसान नहीं रह जाता।

पेड़ों की छंटाई नहीं

वर्तमान में शहर में जगह-जगह विद्युत तारें पेड़ों की पत्तों से लदी डालियों में गुम हो चुके हैं। अंधड़ या जोरदार हवाओं के साथ बारिश के समय पेड़ों में उलझी इन तारों के टूटने की समस्या सबसे ज्यादा सामने आती है। इनके चलते संबंधित क्षेत्रों में विद्युत कटौती करनी पड़ती है। शहरवासी कमलसिंह व आईदानसिंह बताते हैं कि अभी जबकि मौसम शांत है, डिस्कॉम की तरफ से अपने स्तर पर या नगरपरिषद का सहयोग लेकर पेड़ों की छंटाई करवाई जानी बेहद आवश्यक है। यह समस्या शहर भर में आम है। शहर निवासी प्रेमसिंह भाटी ने बताया कि अधिकांश पीपल और नीम के हरे-भरे पेड़ों में विद्युत लाइनें गुम नजर आती हैं। उन्हें समय रहते छंटवा दिया जाए तो मई के दूसरे पखवाड़े और आने वाले जून माह में संभावित तेज अंधड़ और बारिश से लाइनों को भी नुकसान कम से कम होगा व उपभोक्ताओं को अनचाही कटौती से भी निजात मिल सकेगी। ऐसे ही एक अन्य उपभोक्ता हरजीराम ने बताया कि वॉल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या का डिस्कॉम को सटीक ढंग से निस्तारण करने के लिए अभियान चलाने की दरकार है।

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