शुभम राठौर द्वारा लिखे
सुसाइड नोट पत्रिका के हाथ लगे हैं। जिसमें उसने खुदकुशी के पहले यह लिखा है कि संदीप राठौर (भाई) निवासी बस्ती जांजगीर, वासू राठौर (विकास) बीडी महंत नगर जांजगीर, इन दोनों के द्वारा मेरे से कई लाख रुपए ले लिए और मेरे अपाहिज पिता को रोज-रोज जाकर गाली गलौज, मारपीट करते हैं। इसके अलावा मेरी नौकरी कटघोरा पीएचई में था। उसमें मेरे और मेरे पूरे सोने (गोल्ड) को जबरदस्ती कुछ पैसों के लिए छीनकर ले गए। सोनेे में 5 अंगूठी, मेरा एक सोने के चेन, शादी के लिए खरीदे एक डायमंड रिंग, चेन और कान के लिए रिंग बनवाया था उसे छीनकर ले गए हैं।
सारे सोने के बिल मेरे कटघोरा के रूम के आलमारी और कुछ बिल मेरी मां के पास है। जिसका नाम सुमित टहलानी उर्फ बब्बू बाकी मेरे आफिस से और मेरे दोस्तों के पास पता चल जाएगा। ये तीनों मेरे मौत के कारण हैं। मेरे सोने को इस आदमियों से लाकर देवें। क्योंकि मेरे घर की स्थिति बहुत खराब है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश शुरू कर दी है।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि 16 मार्च की सुबह नगर के बीडीएम मोहल्ला निवासी शुभम राठौर पिता तेज राम राठौर का शव नहरिया बाबा मंदिर के आसपास रेल पटरी पर मिला था। उसने खुदकुशी कर जान दे दी थी। उसकी खुदकुशी के बाद शहर में सनसनी फैल गई थी। मामले को नगर के विधायक ब्यास कश्यप ने विधानसभा में प्रमुखता से उठाया था। विधायक का आरोप था कि नगर में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है। सूदखोरी का कारोबार बढ़ रहा है। लोग पंचराम यादव परिवार के बाद सिलसिलेवार खुदकुशी कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है।
पापा माफ कर देबे…
शुभम राठौर ने सुसाइड नोट में बड़े मार्मिक शब्दों में लिखा है कि पापा माफ कर देबे, अउ मम्मी जो भी हो सह के जिहा..। अब जो लिखाए रहिस होना रहिस, मोर कटघोरा के सामान ला ले आहा, किराया एडवांस मा रहिस, चेक कर लिहा।