शहर में अब होगी सफाई, लोगों को मिलेगा पानी
जिला मुख्यालय
जांजगीर का हाल पिछले चार दिनों से बेहाल था। शहर के सफाई कर्मचारियों सहित
98 कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली थी।


The city is now clean, people get water
जांजगीर-चांपा. नगर पालिका परिषद जांजगीर-नैला अंतर्गत कार्यरत 98 प्लेसमेंट कर्मचारियों ने जीपीएफ की राशि सालभर से जमा नहीं कराने तथा बढ़े दर पर पारिश्रमिक भुगतान करने की मांग पर आंदोलनरत कर्मचारियों ने विधायक की उपस्थिति में दो घंटे तक चले हंगामे के बाद पालिका पदाधिकारियों के आवश्वासन पर हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर में चार दिनों से सफाई तथा पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही थी।
जिला मुख्यालय जांजगीर का हाल पिछले चार दिनों से बेहाल था। शहर के सफाई कर्मचारियों सहित 98 कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली थी। कर्मचारियों के आंदोलन के कारण शहरवासियों को चार दिनों से पीने का पानी नहीं मिल रहा था और सफाई नहीं होने के कारण कचरा सड़कों पर ही था। इस अव्यवस्था से दो-चार हो रहे नागरिकों की सुध शनिवार को पालिका पदाधिकारियों ने ली। विधायक मोतीलाल देवांगन की पहल पर आंदोलन स्थल कचहरी चौक पहुंचे पालिका पदाधिकारियों ने कर्मचारियों की पूरी बात सुनी और इस पर आपसी सहमति से निर्णय लिया कि कर्मचारियों के जीपीएफ की राशि १५ दिनों में संबंधितों के खाते में जमा करा दी जाएगी। मौके पर उपस्थित सीएमओ दिनेश कोसरिया ने विधायक व पालिका पदाधिकारियों के सामने कर्मचारियों को बताया कि उनका करीब १३ माह के जीपीएफ की राशि खाते में जमा नहीं कराई गई है। इसके बाद मौके पर ही ठेकेदार अमन अग्रवाल को बुलाया गया, जहां उसने अपनी गलती कबूली और जीपीएफ की राशि लगभग १३ लाख रुपए १५ दिनों में जमा कराने की बात कही। इसके बाद कर्मचारी आंदोलन समाप्त करते हुए कार्य शुरू करने राजी हुए।
सिर मुंडाते ही ओले पड़े
सिर मुंडाते ही ओले पड़े वाली कहावत शहर के निकाय में नवपदस्थ सीएमओ दिनेश कोसरिया पर चरितार्थ होते दिख रही है। कोसरिया को शुक्रवार को ही प्रभार मिला है और प्रभार में शहर की गंदगी के साथ पेयजल के लिए जूझते नागरवासी मिले हैं। हालांकि कोसरिया ने इस स्थिति को चुनौतीपूर्ण मानते हुए कर्मचारियों की वास्तविक परेशानी समझने का प्रयास किया और उसके समाधान की दिशा में सार्थक प्रयास किया। आंदोलनकारियों से विधायक देवांगन, अध्यक्ष मालतीदेवी रात्रे, उपाध्यक्ष आशुतोष गोस्वामी तथा पार्षदों के साथ बातचीत के दौरान हंगामा होते रहा और कर्मचारी लगातार नारे लगाते रहे, फिर भी सभी ने बड़ धैर्यपूर्वक कर्मचारियों की बातें सुनी और समाधान में जुटे रहे। इस अवसर पर पार्षद रामविलास राठौर, हितेश यादव, प्रिंस शर्मा, झाझडिय़ा मौके पर उपस्थित रहे।
पूर्व सीएमओ की हुई थी गिरफ्तारी
कर्मचारियों की मांग में सबसे प्रमुख जीपीएफ की राशि जमा नहीं करने के मामले में ही पूर्व सीएमओ सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी हुई थी। सीएमओ ठेकेदार अमन अग्रवाल की जमानत पर हैं। कर्मचारियों ने पूर्व सीएमओ पर ठेकेदार से सांठगांठ कर जीपीएफ की राशि जमा नहीं कराने का आरोप लगाया।
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