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झालावाड़

सरकारी विभागों के दोहरे मापदंड,गोशालाओं को बिजली में अनुदान और पानी में चार गुणा वसूली

– नि:शुल्क मिले पानी तो मिल सकती है राहत झालावाड़.राज्य सरकार के दो विभाग गोशालाओं के साथ दोहरे मापदंड अपना रहे हैं। विद्युत वितरण निगम जहां बिजली के बिलों में पंजीकृत गोशालाओं से घरेलू दर से बिल राशि ले रहा है और छूट भी दे रहा है। वहीं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग गोशालाओं को नॉन […]

झालावाड़Mar 11, 2025 / 11:19 am

harisingh gurjar

– नि:शुल्क मिले पानी तो मिल सकती है राहत

झालावाड़.राज्य सरकार के दो विभाग गोशालाओं के साथ दोहरे मापदंड अपना रहे हैं। विद्युत वितरण निगम जहां बिजली के बिलों में पंजीकृत गोशालाओं से घरेलू दर से बिल राशि ले रहा है और छूट भी दे रहा है। वहीं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग गोशालाओं को नॉन डॉमेस्टिक श्रेणी में मानता है और घरेलू से करीब चार गुणा से ज्यादा की दर से पानी के बिल की वसूली कर रहा है। सरकार के अधिकारियों के दोहरे मापदंड से गोशालाओं के सामने संकट आ रहा है। उनके कई लाख रुपए पानी पर खर्च हो चुके हैं। सरकार एक तरफ तो गोशालाओं को अनुदान दे रही है। दूसरी तरफ उन्हीं से नॉन डोमेस्टिक दर से पानी का पैसा वसूल रही है। जबकि पहले तो गायों के लिए पानी के लिए नि:शुल्क खेळी बनवाते थे। चरने के लिए चारागाह,ओरण, जोहड़ व अन्य सरकारी जमीन होती थी। अब चारागाह व ओरण पर कब्जे हो रहे हैं। वहीं पानी के लिए चार गुणा ज्यादा वसूली हो रही है।

नि:शुल्क मिले पानी-

शहरों में जो गोशालाएं संचालित हो रही हैं,उनसे नॉन डॉमेस्टिक श्रेणी से पानी का बिल वसूला जा रहा है। यह गलत है। गोशालाओं के लिए पानी का बिल नि:शुल्क होना चाहिए। गोशालाओं का संचालन कोई बिजनेस का कार्य नहीं है। इस तरह से वसूली बंद होनी चाहिए। सरकार इस तरफ ध्यान दे तो गोशालाओं का खर्चा बच जाएगा। गोशालाओं के लिए पानी नि:शुल्क होने की घोषणा होनी चाहिए। इससे गोशालाओं की आर्थिक मदद होगी। गायों को पानी पिलाना तो पुण्य का कार्य है।

प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा पंजीकृत गोशालाएं-

प्रदेश में राजस्थान गोशाला अधिनियमए 1960 के तहत पंजीकृत गोशालाओं की संख्या 3043 हैं। जबकि क्रियाशील गोशालाओं की संख्या करीब 3510 हैं। पात्र गोशालाओं को सरकार अनुदान देती हैं। जिले में इतने ही गोशालाएं- जिले में 56 गोशालाएं पंजीकृत है। जो पशुपालन विभगा में पंजीकृत है। वैसे तो जिले में कुल गोशालाएं 61 है। लेकिन बाकी का पंजीयन अभी प्रक्रियाधीन है।
अंतर प्रति हजार लीटर पानी

घरेलू दर- 2.20 रूपए

नॉन डॉमेस्टिक दर- 9.90 रुपए

अंतर 15 हजार लीटर पानी

घरेलू दर-4.40 रुपए

नॉ डॉमेस्टिक दर- 18.15
रुपए अंतर 40 हजार लीटर पानी

घरेलू दर- 5.50 रुपए

नॉन डॉमेस्टिक दर- 24.20 रुपए

पानी की व्यवस्था करनी चाहिए-

जलदाय विभाग को गोशालाओं में पानी की नि:शुल्क व्यवस्था करनी चाहिए या फिर जो शुल्क लिया जा रहा है वो न्यूनतम लिया जाना चाहिए। पहले तो सरकार पशुओं के लिए खेल बनाती थी। ये पुण्य काम काम है।

शैलेन्द्र यादव, जिलाध्यक्ष, गोशाला संघ,झालावाड़।

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