गिरदावरी एप में लोकेशन का एरिया कम करने से पटवारियों को गिरदावरी करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटवारियों का कहना है कि तारबंदी में कृषि विभाग की ओर से रियायत मिलने के बाद अधिकाशं खेतों के तारबंदी हो चुकी हैं।
अनेक किसानों ने खेत का गेट बनाकर ताला भी लगा दिया, ऐसे में खेत में घुसकर गिरदावरी करना मुश्किल हो रहा है। पहले खेत से दूर की लोकेशन से भी गिरदावरी हो जाती थी, अब एप का लोकेशन क्षेत्र घटाकर करीब बीस मीटर कर दिया गया है। अब ऐसा कर दिया कि खेत में घुसने पर ही गिरदावरी हो सकती है। पहले बाहर से भी फोटो खींच लेते थे। नई व्यवस्था के कारण अब एप गिरदावरी नहीं हो पा रही है।
यह आ रही दिक्कत
पटवारियों का कहना है कि एप काम नहीं करता है। लोकेशन पर जाकर गिरदावरी करने में महिला पटवारियों को सुरक्षा की दिक्कतें आ रही हैं। एप खुलने में समय लगता है। एप में कुआं, रास्ता या गैर-मुमकिन खसरों की जानकारी अपडेट नहीं है। इस कारण गिरदावरी एप से यह कार्य नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में विभाग के उच्चधिकारियों को एप में हो रही तकनीकी खामी से अवगत करवा दिया गया है, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है। इससे पटवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
करंट लगने का डर सता रहा
एक गांव में किसान ने खेतों के तारबंदी करवा के गेट लगा दिया। गेट पर ताला लगा मिला। खेत में घुसे बिना गिरदावरी हो नहीं पा रही। दूर से फोटो लेने पर एप उसे मानता नहीं है। जिले में एक जगह खेत में तारबंदी हो गई। एक किसान ने तारों में झटका मशीन लगा दी। अब खेत में घुसने पर करंट लगने का डर सता रहा है। नहीं घुसने पर गिरदावरी नहीं पाई। एप में एक विकल्प है, किसान खुद भी गिरदावरी कर सकते हैं। लेकिन राजस्थान में अनेक किसानों को इसकी जानकारी नहीं है। उनको सही तरीके से ट्रेनिंग नही दी गई, ऐसे में वे गिरदावरी नहीं कर पा रहे। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसानों को सही ट्रेनिंग दी जाए तो किसान खुद भी गिरदावरी कर सकते हैं।
रामबिलास पाटीदार, भारतीय किसान संघ तहसील संरक्षक पटवारियों ने गिरदावरी एप में आ रही तकनीकी खामी के बारे में शिकायत की है। इस संबंध में उच्चधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। वहां से इस समस्या समाधान हो सकता है।
गिरिराज सिंह झाला, नायब तहसीलदार सुनेल