ग्रामवासियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। हरियालो राजस्थान के तहत यह काम महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत किया जाएगा। जिले के आठ पंचायत समिति की 254 ग्राम पंचायतों में से 117 ग्राम पंचायतों में पौधशालाओं के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्रत्येक पौधशाला में 5 हजार पौधे तैयार होंगे
पौधशाला निर्माण के लिए प्रत्येक पंचायत को करीब साढ़े चार लाख रुपए मिलेंगे। हर एक पौधशाला में औषधीय, फल, छायादार पेड़ आदि प्रजाति के 5 हजार पौधे तैयार किए जाएंगे। बारिश में इन पौधों को पंचायत क्षेत्र के सरकारी कार्यालयों, नदी, तालाब सहित अन्य स्थानों पर रोपित व ग्रामीणों को वितरण किया जाएगा। पौधशाला की देखभाल के लिए कर्मचारी रखा जाएगा।
ये होंगे फायदे
पंचायत स्तर पर पौधशाला की सुविधा से किसानों को नजदीक में अपने खेत पर लगाने के लिए पौधे उपलब्ध होंगे। ग्रामीणों को घर पर बागवानी के लिए पौधे लेने दूर स्थित नर्सरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सार्वजनिक पार्क, बगीचे व औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पौधारोपण के लिए पौधों की कमी नहीं रहेगी। ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी। जिले की 117 ग्राम पंचायतों में पौधशाला विकसित करने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें प्रत्येक में पौधशाला में 5 हजार पौधे विकसित किए जाएंगे। राजेंद्र निमेष, अधिशासी अभियंता, महानरेगा जिला परिषद् झालावाड़