बोझ नहीं समझे- आईटीआई के छात्र धर्मसिंह व निकेश कुमार ने बताया कि दैनिक जीवन में सड़क दुर्घटनाओंमें बाइक सवार को सिर में चोट लगने से उसकी मृत्यु हो जाती है, फिर भी लोग हेलमेट नहीं लगाते हैं।
हेलमेट को बोझ समझते हैं। इसी को देखते हुए उनके मन में विचार आया कि ऐसा हेलमेट बनाया जाएं ताकि बिना हेलमेट के बाइक ही स्टार्ट नहीं हो। इसको लेकर छात्रों ने अपने अनुदेशक के मार्गदर्शन में एक विशेष हेलमेट का निर्माण किया जिससे कि बिना हेलमेट लगाए बाइक का इंजन ही स्र्टाट नहीं होगा। और यदि चलती बाइक पर हेलमेट उतार दिया तो बाइक का इंजन स्वत: ही बंद हो जाएगा।
इस हेलमेट डिवाइस के दो भाग है, पहला भाग हेलमेट में लगाया गया है जो कि सिग्नल को जनरेट करके भेजने का कार्य करता है तथा दूसरा भाग बाइक में लगाया गा है। जो रिसीवर का कार्य करता है। जब हेलमेट पहना जाता है तब ट्रांसमीटर सिग्नल भेजता है और बाइक में लगा रिसीवर इसकेा रिसीव कर बाइका को ऑन कंडिशन में ले जाता है, तथा बाइककर को बाइक स्टार्ट करने देता है। बाइक सामान्य बाइक के समान ही स्टार्ट हो जाती है। यदि कोई बाइकर बाइक स्टार्ट करने के बाद हेलमेट उतार देता है तो ट्रांसमीटर कार्य करना बंद कर देता है, ऐसे में रिसीवर निष्क्रीय हो जाता है और बाइक का इंजन स्वत:बंद हो जाता है।
सड़क दुर्घनाओं में आएगी कमी-
छात्र निकेश कुमार व धर्मसिंह तथा अनुदेशक रितेश कुमार सुमन ने बताया कि यदि हेलमेट को बाइक की आवश्यकता की तरह महत्वपूर्ण समझकर उससे जोड़ दिया जाएं तो सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोट में हो रही मौतों में बहुत हद तक कमी की जा सकती है।
बाइक चोरी पर लगेगी रोक-
आईएमसी ऑफ आईटीआई झालावाड़ के चेयरमैन दिनेश चन्द्र गोलेछा ने बताया कि विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए इस स्मार्ट हेलमेट बाइक दुर्घटनाओं में कमी तो आएगी ही साथ ही बाइक चोरी की बढ़ती वारदातों पर भी रोक लगेगी।विद्यार्थियों ने स्वयं की बाइक सहित हेलमेट में ये डिवाइस लगाकर नवाचार किया। हेलमेट सहित जो डिवाइस लगाए गए है उनमें करीब 2600 रुपए का खर्चा आया।