खानपुर विधायक सुरेश गुर्जर ने सोमवार को विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से खानपुर-बकानी क्षेत्र के 220 गांवों में श्मशान के लिए भूमि आंवटन किए जाने का मामला उठाया। प्रश्न के जवाब में सरकार ने विधानसभा के 456 गांवों में से केवल 236 गांवों में ही श्मशान के लिए भूमि आंवटित होने और 220 गांवों में भूमि आंवटित नहीं होने की जानकारी दी।
साथ ही सरकार ने जवाब में यह भी बताया कि वर्तमान में श्मशान भूमि आंवटन का कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है। इस पर विधायक सुरेश गुर्जर ने अधिकारियों द्वारा गुमराह किए जाने का आरोप लगाते हुए सरकार को जमकर घेरा। विधायक ने सरकार से पूछा कि जिन गांवों में श्मशान नहीं है। क्या ऐसे बचे हुए 220 गांवों में शमशान के लिए भूमि आवंटित करने का विचार रखती है।
इसके जवाब में सरकार ने बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पंचायत से प्रस्ताव आने पर नियमानुसार कार्रवाई करके भूमि आवंटित की जाएगी। इस पर विधायक ने सरकार पर गलत जवाब देने का आरोप लगाया और कहा कि हकीकत में कई ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव बनाकर तहसीलदार के माध्यम से उपखंड मुख्यालय को भेजे हैं। जिन पर आज तक कोई कारवाई नहीं हुई है। इसके क्या कारण रहे? क्या सरकार इन गांवों के प्रस्तावों को स्वीकृत कर श्मशान की भूमि आंवटित करने का विचार रखती है? यदि हां तो कब तक।
मंत्री व नेता प्रतिपक्ष में बहस
विधायक सुरेश गुर्जर के इस प्रश्न के दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच भी बहस हो गई। विधायक गुर्जर ने विधानसभा के कुल गांवों की संख्या के गलत आंकडे बोलने पर भी राजस्व मंत्री हेमंत मीणा को टोका जिस पर उन्होंने सुधार किया।