सोती के निकट स्थित कचलती कुई बालाजी मंदिर के पास बने पुराने कुएं में एक बिलाव गिर गया। बिलाव गिरने से करीब पांच दिन तक आस-पास पड़ोस के किसानों ने बाहर निकालने का प्रयास किया और उसे भोजन पहुंचाया लेकिन वे बाहर नहीं निकाल सके। इसके बाद बाबूलाल सैनी व अन्य ने प्राणी मित्र सेवा समिति के डॉ. अनिल खींचड़ को सूचना दी। खींचड़ की टीम सोमवार दोपहर बाद करीब साढ़े पांच बजे मौके पर पहुंची।
रस्सियों और एक विशेष जाल पर टीम मेंबर अंकित को बैठाकर धीरे-धीरे कुएं में उतारा गया। अंकित ने टॉर्च से बिलाव को तलाश किया। बिलाव को नेटपोल में फंसाया गया। इसके बाद अंकित व बिलाव को धीरे-धीरे ऊपर खींचना शुरू किया। रात करीब साढ़े सात बजे बाद बाहर निकाल कर बिलाव को खेतों में छोड़ दिया।
इस दौरान ग्रामीणों ने डॉ.अनिल खीचड़ और रेस्क्यू टीम के अंकित कुमार का आभार जताया। इधर रेस्क्यू टीम का गौतम सैनी, रणजीत, बाबूलाल सैनी, यशपाल, प्रदीप सैनी, विश्वनाथ सैनी, रोशन बावरिया, प्रदीप गुर्जर, आदित्य गुर्जर, कमलकांत गुर्जर समेत अन्य ने सहयोग किया।
कैच पोल से पकड़ा
डॉ. खींचड़ ने बताया कि उनके पास जंगली जानवरों का रेस्क्यू करने के लिए कैच पोल व नेट पॉल है। इसकी सहायता से जंगल के शिकारी जानवरों का भी रेस्क्यू कर लिया जाता है। कैच पोल के बाद जानवर अपनी गर्दन को हिला नहीं सकता। जानवर को किसी प्रकार की चोट भी नहीं आती। यह मानक उपकरण है। इसकी सहायता से ही बिलाव को निकाला गया।