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झुंझुनूं का बेखौफ युवक, 22 देशों की जनजातियों पर की स्टडी, कच्चा मांस खाने वाली खतरनाक हड़जापे संग घूमा

Jhunjhunu News : झुंझुनूं के युवक ने राजस्थान का नाम रोशन किया। झुंझुनूं जिले के हंसासर गांव का युवक विनोद बाबल 22 देशों की जनजातियों के बीच भारतीय संस्कृति का संदेश फैला रहा है। जानें उसके जुनून के बारे में।

झुंझुनूMay 18, 2025 / 12:29 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Jhunjhunu Fearless Youth Vinod Babul 22 Africa Countries Tribes Studied Roamed with Dangerous Hadjape who Eat Raw Meat

सबसे खतरनाक जनजाति मुर्सी ट्राइप के साथ हंसासर का युवक विनोद बाबल। 

जितेंद्र योगी
Jhunjhunu News :
झुंझुनूं जिले के हंसासर गांव का युवक विनोद बाबल उन गिने-चुने लोगों में शामिल हो गया है, जिन्होंने अपनी जिज्ञासा और जुनून के बल पर दुनियाभर की दुर्गम जनजातियों के बीच जाकर न केवल उनका जीवन जाना, बल्कि भारतीय संस्कृति का संदेश भी फैलाया। अब तक विनोद अफ्रीका महाद्वीप के 22 से अधिक देशों की यात्रा कर चुका है, जहां उसने जंगलों में रहने वाली खतरनाक और रहस्यमयी जनजातियों के बीच जीवन बिताया।

मुर्सी ट्राइब के बीच रात गुजारने वाला पहला भारतीय

विनोद इथोपिया ने मुर्सी जनजाति के बीच रात बिताने वाला पहला भारतीय होने का दावा किया है। यह जनजाति अपने आक्रामक व्यवहार और पारंपरिक संस्कृति के लिए जानी जाती है। इसके अलावा वह तंजानिया में कच्चा मांस खाने और शिकार पर निर्भर रहने वाली हड़जापे जनजाति के बीच भी समय बिता चुका है। वह युगांडा के भूमध्य रेखा पर कदम रखने वाला शेखावाटी का पहला युवक बताया जा रहा है।

रिसर्च और जागरूकता का उद्देश्य

विनोद का कहना है कि उनका मकसद इन जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत को जानना और उनकी जीवनशैली पर रिसर्च करना है। इसके साथ ही वे इन समुदायों को आधुनिक दुनिया के बारे में जागरूक करना चाहते हैं। केन्या, युगांडा, बुरुंडी, तंजानिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देशों में जाकर उन्होंने इन जनजातियों के बीच रहकर उनके रीति-रिवाजों, खान-पान, पहनावे और सामाजिक संरचना को करीब से जाना। इथोपियां, केन्या, युगांडा, बुरंडी, तंजानिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देशों में जाकर वहां के जंगलों में रहने वाली जनजाति के बीच उनके कल्चर को जानने का प्रयास किया है। विनोद को वहां की सरकार ने उसके जीवन को जाने-पहचाने के लिए प्रमाणपत्र भी दिया है।
Vinod Babul
खतरनाक जनजाति मुर्सी ट्राइप संग विनोद बाबल। 

भारतीय संस्कृति का कर रहे प्रचार

विनोद केवल सीखने नहीं, बल्कि सिखाने भी निकले हैं। वे जहां भी जाते हैं, भारतीय संस्कृति, योग, रहन-सहन और खान-पान की विधियों से स्थानीय जनजातियों को परिचित कराते हैं। विनोद बताते हैं कि कई जनजातियों ने भारतीय संस्कृति में गहरी रुचि दिखाई है और कुछ ने तो भारतीय भोजन और वेशभूषा को अपनाना भी शुरू कर दिया है।
Vinod Babul
जंगलों में रहने वाली सबसे खतरनाक जनजाति मुर्सी ट्राइप के साथ हंसासर का युवक विनोद बाबल। 

इनका कहना है

जनजातियों की संस्कृति को समझना और अपनी संस्कृति को विश्व स्तर पर पहुंचाना मेरा उद्देश्य है।
विनोद बाबल, हंसासर (झुंझुनूं)

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