राजस्थान के जोधपुर जिले में राशन की दुकानों पर गेहूं वितरण में अनियमितता के मामले में राज्य सरकार ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम जोधपुर के मैनेजर राजेश पंवार को सस्पेंड कर दिया है। पंवार को मुख्यालय जयपुर रहेगा। उनके स्थान पर नागरिक आपूर्ति निगम बाड़मेर के मैनेजर रमेश बिश्नोई को कार्यभार सौंपा गया है। विश्नोई ने बुधवार को कार्यभार ग्रहण भी कर लिया।
उधर मंगलवार को इसी मामले में गेहूं परिवहन करने वाले ठेकेदार फर्म जयश्री फ्रेट कॅरियर्स को तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने अपने 19 मार्च के अंक में गरीबों के गेहूं में गबन की आशंका, 50 राशन डीलर्स को 2000 क्विंटल गेहूं का फटका शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर गेहूं में हेराफेरी का मामला उजागर किया था।
इसके बाद एडीएम सिटी उदयभानु चारण की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी ने गेहूं के वितरण अनियमितता मानी, जिसके लिए ठेकेदार फर्म जयश्री फ्रेट कॅरियर और नागरिक आपूर्ति निगम जोधपुर के मैनेजर राजेश पंवार को दोषी माना था। ठेकेदार और मैनेजर दोनों पर इसी जांच कमेटी की अनुशंषा पर कार्रवाई की गई है।
साइबर ठग की तरह ओटीपी ले लिए थे, गेहूं नहीं दिया
राशन की समस्त दुकानों पर गेहूं का आवंटन, परिवहन और उपभोक्ताओं को वितरण सब कुछ ऑनलाइन है। ऐसे में गेहूं में हेराफेरी करना आसान नहीं है। आरोप है कि जोधपुर में गेहूं ट्रांसपोर्ट और हैंडलिग का काम देख रहे ठेकेदार के आदमी ने राशन डीलर्स को फिजिकल गेहूं दिए बगैर उनकी पॉस मशीनों में गेहूं का स्टॉक चढ़ाने का बोला था। लम्बे समय से जान पहचान होने की वजह से राशन डीलर्स झांसे में आ गए।
उन्होंने बगैर गेहूं प्राप्त किए ही गेहूं का स्टॉक पोस मशीन में ऑनलाइन दर्शाकर उससे ओटीपी व रसीद जनरेट करके ठेकेदार को दे दी। इसके बाद ठेकेदार ने पोस मशीन के स्टॉक में चढ़ाया गेहूं देने से इनकार कर दिया है। एडीएम सिटी की जांच रिपोर्ट में यह भी तथ्य सामने आया कि यह गड़बड़ी सितंबर 2024 से चल रही है और इसमें एक तरह से राशन डीलर्स भी अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल थे।
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नए ठेकेदार की तलाश
ठेका फर्म जयश्री कॅरियर्स के ब्लैक लिस्टेड होने के बाद अब जोधपुर जिले में एफसीआइ से राशन की दुकानों तक गेहूं का वितरण अटक गया है। जिला रसद अधिकारी फिलहाल पुराने टेंडर से ही न्यूनतम दरों वाले ठेकेदार की तलाश कर रहे हैं। यह ठेका सितम्बर में समाप्त हो रहा है। ऐसे में तीन महीने के लिए अस्थाई ठेकेदार की व्यवस्था करनी पड़ेगी। जोधपुर जिले में हर महीने लगभग 8 हजार मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जाता है, जिसे एफसीआई के गोदामों से उठाकर जिले की करीब 1200 राशन दुकानों तक गेहूं पहुंचाने का काम ठेकेदार करता है।