दरअसल राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग में चामुंडा माता मंदिर में भगदड़ मचने से 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। यह हादसा 20 सितंबर 2008 को उस समय हुआ था जब माता के इस प्राचीन मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। अचानक वहां भगदड़ मच गई थी। भीड़ इतनी थी कि कई लोग तो खड़े-खड़ें ही जान गवां बैठे थे। बच्चों को गोद में लेकर माएं मौजूद थीं, कुछ शव तो ऐसे मिले थे जिनमें बच्चों और मां की एक साथ जान चली गई थी। बच्चे मां की गोद में ही थे।
इस हादसे में करीब दो सौ से ज्यादा मौतें होने के साथ ही करीब चार सौ लोग घायल हुए थे। हादसे की जांच के लिए सरकार ने आदेश दिए थे। इन आदेशों के बाद जांच भी शुरू हुई थी, लेकिन यह जांच अभी तक भी पूरी तरह अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है। इस साल सितंबर में इस हादसे को 17 साल पूरे हो जाएंगे।