दरअसल जोधपुर की एसडीएम कोर्ट में एक मामला पहुंचा। एक बुजुर्ग दम्पत्ति जो कि लालसागर इलाके के रहने वाले थे। उन्होनें सीनियर एडवोकेट के जरिए अपना पक्ष रखा। उनका कहना था कि उन्होनें अपने जीवन भर की कमाई से साल 2005 में बड़ा मकान बनाया जिसकी कीमत अच्छी-खासी है। उसके बाद साल 2012 में इकलौते बेटे की शादी की। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही बहू ने परेशान करना शुरू कर दिया।
बेटा और सास-ससुर जैसे-तैसे समय गुजारते चले गए इस उम्मीद में समय के साथ सब सही हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बुजुर्ग ने कोर्ट में बताया कि कुछ महीनों पहले बहू ने गंभीर आरोप और पुलिस का डर दिखाते हुए बुजुर्ग दम्पत्ति और पति को घर से बाहर निकाल दिया। पूरे घर में वह अपने पांच साल के बेटे के साथ रहने लगी। बुजुर्ग और उनका बेटा कुछ दिन किराये पर और कुछ दिन रिश्तेदारों के यहां रहे। बाद में वे एसडीएम कोर्ट पहुंचे।
कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जब पूरा मामला सुना तो वे भी दंग रह गए। उन्होनें लोकल पुलिस को आदेश दिए कि वे बुजुर्ग दम्पत्ति और बेटे को वापस घर में एंट्री कराएं और बहू को पाबंद करें कि वह ऐसा दुबारा नहीं करे। साथ ही स्थिति पर नजर रखें और कोर्ट को भी हालातों से अवगत कराते रहें। उल्लेखनी है कि बुजुर्ग दम्पत्ति में महिला की उम्र करीब 65 साल और उनके पति की उम्र करीब 72 साल है।