थानाधिकारी दिनेश लखावत ने बताया कि गणेश मंदिर के पास निवासी सौभाग सिंह चौहान के मकान में साइबर ठग गिरोह से जुड़ा कॉल सेंटर संचालित होने की सूचना मिली। तस्दीक के बाद उप निरीक्षक भंवरसिंह व टीम ने मंगलवार रात 11 बजे कॉल सेंटर में दबिश दी और सौभाग सिंह (35), गोपाल (25), राजकुमार (24) तथा धीरज (28) को गिरफ्तार किया। इनसे 28 लेपटॉप, 32 सीपीयू, 8 मॉनिटर, 19 पेन ड्राइव, 11 मोबाइल भी जब्त किए गए। आरोपियों में सौभाग सिंह कॉल सेंटर संचालक है। गोपाल शर्मा ढाई-तीन साल से कॉल सेंटर में काम कर रहा है। राजकुमार दो साल से डाटा एंट्री करता है। धीरज दो-ढाई साल से डाटा एंट्री करता है।
रात 10 बजे खुलता, रोजाना 25 हजार नम्बर सर्च करते
एसआइ भंवरसिंह ने बताया कि आरोपी विभिन्न वेबसाइटों से सिर्फ अमरीकन नागरिकों के डाटा हासिल करते हैं। फिर इनमें से वर्किंग मोबाइल नम्बर तलाशते हैं। जिसे फिल्टर करना कहते हैं। फिल्टर करने के लिए एक डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रतिदिन 3-4 हजार नम्बर सर्च करता है। उस पर कॉल या मैसेज व अन्य तरीकों से पता लगाते हैं कि नम्बर चालू है या नहीं। चूंकि अमरीकन नागरिकों के डाटा हासिल किए जाते हैं इसलिए कॉल सेंटर रात 10 बजे खुलता और रातभर चलता था।रोज के 20-25 हजार नम्बर फिल्टर करते थे।
10 पैसे प्रति डाटा-नम्बर बेचते
पुलिस का कहना है कि कॉल सेंटर संचालक सौभागसिंह के सम्पर्क में देश व विदेश में बैठे साइबर ठग गिरोह हैं। जिन्हें प्रति डाटा नम्बर दस पैसे में बेचे जाते थे। राशि ऑनलाइन खाते में जमा होती थी। ठग गिरोह इन नम्बर से साइबर ठगी करते थे। कॉल सेंटर पर कुछ समय पहले तक 30 कर्मचारी काम करते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते सिमटकर चार पर रह गए।
वेबसाइट व विभिन्न ऐप से हासिल करते डाटा
पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। आरोपी विभिन्न वेबसाइट के अलावा स्काइप, टेलीग्राम व अन्य ऐप के मार्फत अमरीकन नागरिकों के डाटा हासिल करते थे। अधिकांशत: निशाने पर वृद्ध अमरीकन नागरिक होते थे।