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CG News: छोटे सामान, बड़ा घोटाला… जनपद पंचायत में वॉटर कूलर सप्लाई के नाम पर हो रही ये गड़बड़ी

CG News: जनपद पंचायत ने 80 लीटर के वॉटर कूलर के लिए 52 हजार रुपए का बिल पास किया, जबकि बाजार में इसी कूलर का मूल्य लगभग 35 से 40 हजार रुपए के बीच है।

कांकेरJan 31, 2025 / 02:47 pm

Laxmi Vishwakarma

CG News: छोटे सामान, बड़ा घोटाला... जनपद पंचायत में वॉटर कूलर सप्लाई के नाम पर हो रही ये गड़बड़ी
CG News: जनपद पंचायत क्षेत्र के गांवों में विकास कार्यों के नाम पर हर साल लाखों रुपए की राशि जारी की जाती है। अफसरों की लापरवाही और कागजी घोटाले के चलते इन पैसों का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। हाल ही में जनपद पंचायत के कई गांवों में वॉटर कूलर सप्लाई के नाम पर सरकारी रकम का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है।

CG News: कागजी घोटाले में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत

आरोप है कि बिना जरूरत के स्कूलों में वाटर कूलर भेजे गए और फिर उसकी कीमत भी वास्तविक मूल्य से कहीं ज्यादा दिखाई गई। 35-40 हजार के कूलर 60 हजार रुपए तक खरीदे गए। इनमें से कई अब हवा देने की जगह धूल खाते पड़े हैं। इस घोटाले में स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच मिलीभगत का आरोप है। ग्राम पंचायतों में शासकीय विकास कार्यों के लिए धनराशि का आवंटन किया जाता है। यह राशि अक्सर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होती।
जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर के अंतर्गत आने वाले कई स्कूलों में वॉटर कूलर की आवश्यकता नहीं थी। फिर भी जनपद सदस्य और जनपद पंचायत के अधिकारियों के सहयोग से ये कूलर सप्लाई कर दिए गए। वहीं, इन वॉटर कूलरों की कीमत भी बाजार मूल्य से कहीं ज्यादा बताई गई है। एक ओर जहां असुलखार स्कूल और कुंवपानी प्राइमरी स्कूल में पहले से वॉटर कूलर मौजूद थे, वहां पर अतिरिक्त कूलर भेज दिए गए।

हेराफेरी में ये जिम्मेदार…

सूत्रों के अनुसार, जनपद पंचायत के अधिकारी पहले संबंधित फर्मों से कमीशन तय करते हैं। उसके बाद सामग्री सप्लाई करते हैं। फिर वह सामग्री गुणवत्ता में घटिया होती है और उसके दाम असल कीमत से दोगुना दिखाए जाते हैं। इस तरह से सरकारी खजाने से लाखों रुपए की हेराफेरी की जाती है। इस बार भी जनपद पंचायत में वॉटर कूलर की सप्लाई का काम गोपाल ट्रेड्स और निर्मल एजेंसी को सौंपा गया था।
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2 पंचायतों में कबाड़ बने कूलर

असुलखार और कुंवपानी स्कूलों में भेजे गए वाटर कूलर का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। असुलखार स्कूल में पहले से दो वाटर कूलर थे, फिर भी एक और कूलर भेजा गया जो अब धूल खा रहा है। वहीं, कुंवपानी प्राथमिक शाला में भेजे गए वॉटर कूलर का उपयोग कूड़ादान के रूप में किया जा रहा है। इस तरह इन उपकरणों की खरीदारी ने न केवल सरकारी खजाने की बर्बादी की है।
बल्कि गांवों के विकास में भी कोई योगदान नहीं दिया है। अन्य फर्मों से मिली जानकारी के अनुसार, ब्लू स्टार ब्रांड के 60 लीटर वाले वॉटर कूलर की कीमत केवल 38 हजार रुपए थी। लेकिन यहां इसे 52 हजार से 60 हजार रुपये में खरीदा गया। साफ है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया। बाजार मूल्य से अधिक राशि का बिल पास किया गया।

खरीदी में ऐसे की गड़बड़ी…

जनपद पंचायत ने 80 लीटर के वॉटर कूलर के लिए 52 हजार रुपए का बिल पास किया, जबकि बाजार में इसी कूलर का मूल्य लगभग 35 से 40 हजार रुपए के बीच है। न केवल बिल की राशि ज्यादा थी, बल्कि कुछ जगहों पर तो 60 हजार रुपए तक का बिल लगाया गया। ग्राम पंचायतों में जिन स्थानों पर वॉटर कूलर की कोई आवश्यकता नहीं थी, वहां भी यह उपकरण सप्लाई किया गया। साथ ही, इसे शासकीय राशि का दुरुपयोग कर अधिकारियों और फर्मों के बीच कमीशन के तौर पर बांटा गया।

जांच केवल चर्चाओं में…

CG News: मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक ठाकुर ने इस मामले में जांच की बात कही है। हालांकि, पिछले मामलों की तरह इस बार भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या जांच वाकई में होगी या फिर यह सब कागजी औपचारिकता रह जाएगा। अधिकारियों की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते भानुप्रतापपुर में विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपए का दुरुपयोग हो रहा है। यह मामला एक ओर जहां पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार को उजागर करता है, वहीं सरकारी राशि का सही तरीके से इस्तेमाल न होने के कारण गांवों में विकास की दर उम्मीद से बहुत कम है।

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