उत्तर प्रदेश के कानपुर में जिलाधिकारी और सीएमओ के बीच विवाद चल रहा है। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का पत्र भी सामने आया है। उन्होंने सीएमओ के कार्यों की तारीफ की है। इधर अखिलेश यादव ने भी इस मामले में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक डबल इंजन की सरकार में इंजन टकराते थे। डीसीएम. (DCM) और ओसीएम (OCM यानी out going CM) के बीच टकराव था। लेकिन अब गार्ड के डिब्बे भी टकरा रहे हैं। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि अब अफसर भी टकरा रहे हैं। जिससे आम जनता लूटी और पीटी जा रही है।
क्या कहते हैं सपा विधायक?
कानपुर के आर्य नगर विधायक अमिताभ बाजपेई ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है। लेकिन अधिकारियों के बीच विवाद भ्रष्टाचार को उजागर करता है। इसके बीच आम आदमी अपने को ठगा महसूस कर रहा है। यह लड़ाई डीएम और सीएमओ के बीच नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच की है। अधिकारी जिस पक्ष के हैं उन्हीं के पक्ष के विधायक अपने हिसाब से पत्र लिख रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो चुकी
सपा विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने कहा कि डीएम बेपटरी हो गई स्वास्थ्य सेवाओं को अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं। काशीराम अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं। आम आदमी को उपचार नहीं मिल रहा है। सीएमओ ने स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की जगह इसका राजनीतिक कारण कर दिया है। कानपुर देहात कांग्रेस जिलाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दो जनपद स्तरीय अधिकारियों की लड़ाई से जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। इसकी उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच की जाए।