2014 में हुआ था कत्ल
इस शिकायत के दो घंटे बाद ही पुलिस तुरंत हरकत में आई और पीयूष की पत्नी की तलाश शुरू कर दी। करीब 2 घंटे बाद पीयूष की पत्नी ज्योति श्यामदासानी कल्याणपुर पनकी रोड पर कार के भीतर खून से लथपथ हालत में मिलती है। ज्योति के शरीर पर चाकू के निशान थे। उसके गर्दन और पेट पर चाकू से हमला किया गया था। सबके मन में एक ही सवाल था कि आखिर किसने इतनी बेरहमी से महिला की हत्या की होगी? आखिर ज्योति की किसी से ऐसी क्या दुश्मनी रही होगी?
सीसीटीवी फुटेज से मिला हिंट
पीयूष की सुनाई हुई कहानी सीसीटीवी फुटेज से बिल्कुल अलग थी। इसी दौरान पुलिस ने उस रेस्टोरेंट की सीसीटीवी कैमरा फुटेज भी खंगाली, जहां वारदात से पहले पीयूष अपनी पत्नी ज्योति के साथ खाना-खाने के लिए गए थे। फुटेज देखने पर पुलिस को एक अजीब सी बात देखने को मिली। पुलिस ने पाया कि पीयूष और ज्योति वहां खाना तो साथ बैठकर खा रहे थे, लेकिन दोनों के बीच बिल्कुल भी बातचीत नहीं हो रही थी। इस केस में पुलिस छोटी से छोटी बातों पर ध्यान दे रही थी। पुलिस को पीयूष पर शक तब हुआ जब उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि कत्ल के वक्त पीयूष ने किसी और कलर की टी-शर्ट पहन रखी थी और पोस्टमार्टम के वक्त कुछ और। शक के आधार पर किया गिरफ्तार
पुलिस ने शक के आधार पर पीयूष को हिरासत में लिया और जब उससे सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। ज्योति के कत्ल के पीछे पीयूष का ही हाथ था। कत्ल की इस वारदात को अंजाम देने के लिए उसने अपनी पत्नी के नाम की सुपारी दी थी। इसके अलावा पीयूष का अफेयर किसी और महिला के साथ भी चल रहा था। पीयूष की कॉल डिटेल में पुलिस को एक नंबर मिला, जिस पर वो घंटों बातें किया करता था। पुलिस ने उस नंबर की छानबीन की तो पता चला वो नंबर किसी मनीषा मखीजा का था। वारदात के दिन पुलिस और लड़की ने कई बार कॉल और 150 मैसेज किया था। पीयूष ने बताया कि वह मनीषा से शादी करना चाहता था लेकिन उसकी पत्नी उसके रास्ते का कांटा बन रही थी।
शादी के कुछ दिन बाद ही शुरू हुआ था अफेयर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीयूष की शादी ज्योति से होने के बाद मनीषा काफी गुस्सा हो गई थी। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया था। इस बात की खबर ज्योति को हो गई और उसने कॉल करके उसे खूब खरी-खोटी सुनाई। इसलिए दोनों ने मिलकर ज्योति को मारने का प्लान बनाया। निचली अदालत ने 6 लोगों को ज्योति के कत्ल और साजिश का दोषी माना और उम्रकैद की सजा सुनाई। बाद में मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट गया, जहां इसी साल आए फैसले में पीयूष की प्रेमिका को बरी कर दिया गया। पहले उसे साजिश में शामिल रहने का दोषी माना गया था। हालांकि, पीयूष और अन्य चार दोषियों की सजा को बरकरार रखा गया है।