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कटनी

नगर निगम की नकारा व्यवस्था से शहर ‘पानी-पानी’ सडक़ों में तैरते नजर आए कागजी दावे, ड्रेनेज सिस्टम फेल

10 से अधिक कॉलोनियां हुईं जलमग्न, लोगों के घरों में घुसा पानी, गृहस्थी का सामान हुआ बर्बाद

कटनीJul 12, 2025 / 09:41 pm

balmeek pandey

heavy rain in katni

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कटनी. शहर में शुक्रवार को तीन घंटे की झमाझम बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी। सावन की पहली बारिश में नगर निगम का डे्रनेज सिस्टम फेल नजर आया, नालों के उफनाने से कई सडक़ें डूबीं रहीं, पुलियों में पानी भरने के कारण व्यवस्था से पूरा शहर पानी-पानी नजर आया। गायत्री नगर व मंगल नगर पुलिया में पानी भर जाने से शहर दो हिस्सों में बंटा नजर आया। उपनगरीय क्षेत्र कुठला, इंद्रानगर, माधवनगर, झिंझरी, जागृति कॉलोनी, वंशरूप वार्ड, कुम्हार मोहल्ला, पंचायत चौराहा, समदडिय़ा कॉलोनी आदि के हाल बेहाल नजर आए।
शहर में एक-दो नहीं बल्कि 10 से अधिक कॉलोनियां ऐसी हैं जहां पर नालों में अतिक्रमण होने, मनमाने निर्माण होने के कारण पानी का बहाव प्रभावित हुआ और बस्तियों में पानी भरा है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घरों में पानी घुसने के कारण गृहस्थी का सामान खराब हो गया है। घरों में शीलन से भी समस्या हो रही है। शहरी क्षेत्र से लेकर उपनगरीय क्षेत्र में नगर निगम के दावे पानी में तैरते नजर आए। माधवनगर में खुले नाले हादसों के लिए मुंहबाये खड़े हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को समस्या से कोई सरोकार नही है।

जिले में 470.7 मिमी औसत वर्षा

1 जून से 11 जुलाई सुबह तक 470.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। जिले में सर्वाधिक औसत वर्षा इस साल स्लीमनाबाद तहसील में दर्ज की गई है, जहां अब तक 623.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है। जिले में इसी अवधि में बीते वर्ष कुल 133.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस प्रकार इस साल अब तक पिछले वर्ष की तुलना में 253.6 प्रतिशत अधिक औसत वर्षा हो चुकी है। कटनी तहसील में 437.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि तहसील रीठी में 557.2 मिलीमीटर, बड़वारा तहसील में 400 मिलीमीटर, बरही तहसील में 362 मिलीमीटर और विजयराघवगढ़ तहसील में 477.7 मिलीमीटर, बहोरीबंद तहसील में कुल 466.9 मिलीमीटर एवं स्लीमनाबाद तहसील में 623.8 मिलीमीटर तथा ढीमरखेड़ा तहसील में 438.2 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।

मंगलनगर पुलिया में बाधित रहा आवागमन

यह नजारा मंगल नगर पुलिया का है। निकासी की व्यवस्था न होने से दो फीट से ऊपर पानी कई घंटे भरा रहा, जिससे शहरवासियों व यात्रियों को साउथ रेलवे स्टेशन, मंगलनगर, छपरवाह-बिलगवां आदि जाने में भारी परेशानी हुई। स्कूली बच्चे भी परेशान हुए।
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तालाब बनी मॉडल रोड

मॉडल रोड का यह नजारा नगर निगम व जिला प्रशासन के अफसरों की हठधर्मिता को बयां कर रहा है, कई साल से यहां पर बारिश का पानी भर रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी कठिनाई होती है, बावजूद इसके निकासी के इंतजाम करने की तहमत नहीं उठाई जा रही।

कॉलोनियां हुई जलमग्न

बारिश में शहर की निचली बस्तियों में पानी निकासी के उचित प्रबंधन न होने से जलमग्न हो गईं। लाल बहादुर शास्त्री वार्ड, जागृति कॉलोनी, निमिया, मायानगर, एनकेजे कॉलोनी क्षेत्र सहित एक दर्जन स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनी है, जिससे लोग खासे परेशान हुए। गृहस्थी का सामना बर्बाद हो गया है।

सागर पुलिया के हाल-बेहाल

सागर पुलिया में कई घंटे तक पानी भरा रहा। मुड़वारा रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाले पानी में पाइप न होने से सीधे सडक़ पर कई साल से पानी गिर रहा है, जिससे जिम्मेदार नजर अंदाज कर रहे हैं। यहां पर एक 90 लाख रुपए का नाल भी बनवाया गया है, जिसे ऊंचाई में बनवाया गया है, जिससे पानी निकासी समय पर नहीं हो पा रहा। लोगों को आवागमन में मुसीबतें झेलनीं पड़ीं।
यहां गंभीर हादसे के बाद बेपरवाही

rain water
यह भयंकर नजारा माधवनगर पंचायत चौराहा का है। यहां पर 2018 में पिता-बेटी बहकर काल कलवित हो चुके हैं, इसके बाद भी यहां पर पानी निकासी के लिए नगर निगम ने ध्यान नहीं दिया। सडक़ में एक फीट के ऊपर पानी बहता रहा। हैरानी की बात तो यह है कि यहां पर एक पखवाड़े से भयंकर नाले खुले पड़े हैं, जहां न तो बेरीकेट्स हैं और ना ही सुरक्षा के कोई इंतजाम।

अस्पताल मार्ग में भरा पानी

यह दृश्य माधवनगर बाबा माधवशाह अस्पताल के समीप का है। यहां पर सडक़ जलमग्न रही। लोगो के वाहन एक से डेढ़ फीट तक डूबे रहे। बारिश के बाद हर दिन यहां पर ऐसा नजारा बन रहा है, इसके बाद भी नगर निगम की टीम व्यवस्था दुरुस्त कराने ध्यान नहीं दे रही।

फुटपाथियों को हुई मुसीबत

तेज बारिश के कारण शहर सहित उपनगरीय क्षेत्र में सब्जी, फल, मनिहारी सहित अन्य सामग्री की दुकानें लगाकर जीवन यापन करने वाले लोगों को खासी मुसीबत हुई। नाली व नालों के उफान में होने से उनकी सामग्री बह गई।

स्कूल परिसरों में भरा पानी

कलेक्टर हों व जिला शिक्षा अधिकारी सभी राग अलाप रहे हैं कि स्कूलों, शासकीय भवनों, कॉलोनियों व बस्तियों में पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम रखे जाएं, लेकिन कोई भी गंभीर नहीं है। यह नजारा चाका स्कूल का है। परिसर में पानी भरा हुआ है। यह हालात शहर सहित ग्रामीण इलाकों के स्कूलों, पंचायत भवनों, आंगनवाड़ी केंद्रों में पानी भरा।
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कुम्हार बस्ती के हाल-बेहाल

वंशकार बस्ती कुम्हार मोहल्ला विश्राम बाबा वार्ड में अनेक घरों में पानी भर गया है। इसी मुख्य वजह यह है कि यहां पर कॉलोनाइज द्वारा दीवार खड़ी कर दिया जाना है। मोहल्ले के निवासी राधिका वंशकार, दिनेश वंशकार, साहिल, करौंदा वंशकार, राजू वंशकार, राजू ठाकुर, प्रकाश विश्वकर्मा व अन्य लोगों ने पार्षद मिथलेश जैन से समस्या बताई। पार्षद ने नगर निगम के अधिकारियों से चर्चा कर व्यवस्था करने चर्चा की। यहां पर अनेकों व्यक्तियों द्वारा दीवार खड़ी कर लिए जाने के कारण प्राकृतिक रूप से बहने वाले वर्षा के पानी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया है और वह लोगों के घरों में भरकर जान माल की क्षति पहुंचा रहा है। नगर निगम को निरंतर शिकायतें करने और अवगत कराने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा।
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अस्पताल में भी भरा पानी

जिला अस्पताल का भी ड्रेनेज सिस्टम खराब है। यहां बारिश के बाद हर दिन पानी भर रहा है, जिससे मरीजों, परिजनों, स्वास्थ्य विभाग के स्टॉफ आदि को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा।

पुलिया में फंसे बच्चों के वाहन

गायत्री नगर पुलिया में भी डेढ़ से दो फीट पानी भर गया था, जिससे वाहन फंस रहे थे। स्कूल बच्चों के वाहन भी पानी भरने के कारणबंद हुए, जिससे लोग भारी परेशान हुए। गायत्री नगर पुलिया में कई साल से समस्या है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।

पानी भरने पर निकलीं महापौर

शहर में बारिश के बाद जब कई जगह पर जलभराव की स्थिति बनीं तो महापौर प्रीति सूरी स्टॉफ के साथ क्षेत्रों का दौरा किया। महापौर ने लाल बहादुर शास्त्री वार्ड स्थित साईं मंदिर के बाजू एवं माधवनगर स्थित समदडिय़ों कॉलोनी के नालों के अवरोधों के कारण उत्पन्न हुई जलभराव की समस्या का जायजा लिया। पानी निकासी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। बारिश के पहले जिम्मेदारों ने आवश्यक व्यवस्था कराए जाने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।

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