कटनी. मुख्य रेलवे स्टेशन कटनी जंक्शन के बाहर स्थित भगवान श्रीराम व हनुमानजी के मंदिर के सामने बनी दीवार को हटाने की मांग को लेकर रविवार को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उग्र आंदोलन किया। दीवार तोडऩे पहुंचे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया, जिसमें एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए, वहीं एसडीएम को भी चोटें आई हैं। बल प्रयोग, वॉटर केनन से पानी का छिडक़ाव व अधिकारियों की समझाइश व शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी माने। जानकारी के अनुसार करीब 8 साल पहले रेलवे प्रशासन द्वारा मंदिर के सामने दीवार खड़ी कर दी गई थी, जिससे मंदिर का मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया। तभी से बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य हिंदू संगठनों द्वारा दीवार हटाने की मांग की जा रही है। दो साल पहले हुए आंदोलन के बाद दीवार को काटकर गेट लगा दिया गया था, लेकिन दीवार नहीं हटी थी। पिछले दो वर्षों से लगातार आंदोलन किए जा रहे थे। दो महीने पहले जिला प्रशासन ने दीवार हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद 23 मई तक दीवार नहीं हटने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। रविवार को बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर दीवार तोडऩे लगे। हथौड़े, सब्बल और अन्य औजारों से दीवार को क्षतिग्रस्त किया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। लगातार मंदिर की दीवार को तोड़ा जा रहा था। सुरक्षा के मद्देनजर एसडीएम प्रदीप मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों को रोकने कहा, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों लाठीचार्ज अत्यंत बर्बर था। कार्यकर्ताओं को पीछे से पीटा गया, कई लोगों के सिर फूट गए और खून बहता रहा।
हरी कैनात से कराया सुरक्षित
बजरंग दल के जिला संयोजक ने कहा कि यह केवल दीवार नहीं, हिंदू आस्था के मार्ग में अवरोध है। जब तक दीवार नहीं हटेगी, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन पर पक्षपात और आस्था के साथ खिलवाड़ का आरोप भी लगाया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है और मंदिर परिसर को घेर लिया गया। कैनात से उसे निर्णय होने तक सुरक्षित करा दिया गया है। इस दौरान राहुल दुबे, राहुल तिवारी, शरद चौरसिया, प्रकाश भौमिया, सुबोध अग्रवाल, इंद्र मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस दौरान बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी तैनात रहे। एसडीएम प्रदीप मिश्रा, तहसीलदार वीके मिश्रा, अभिजीत तिवारी, आकाशदीप नामदेव, सीएसपी ख्याति मिश्रा, कोतवाली टीआई अजय सिंह, एनकेजे अनिल यादव, जीआरपी थाना प्रभारी एलपी कश्यप, आरपीएफ पोस्ट प्रभारी वीरेंद्र सिंह सहित कई थानों का पुलिस बल मुस्तैद रहा। फायर ब्रिगेड प्रभारी शैलेंद्र दुबे दो वाहनों के साथ मुस्तैद रहे।
प्रदर्शनकारी इतना उग्र हो गए थे कि पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा रोकने, कानून को हाथ में न लेने की बात कहने पर नहीं माने। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान एसडीएम प्रदीप मिश्रा के भी हाथ में चोट लगी हैं।
लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ताओं को आई चोट
पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए हैं। आधा दर्जन को अधिक चोट आई है। राहुल तिवारी के सिर में गंभीर चोट है, जबकि राहुल मिश्रा, प्रमोद पाठक, आनंद रजक, पार्थ सिंह, सागर कोल, शिवम बर्मन आदि को भी गंभीर चोट आई है। कार्यकर्ताओं के सिर, माथा, हाथ, पैर लहूलुहान हो गए हैं।
एसपी व एडीएम ने दी समझाइश
दोपहर 2 बजकर 7 मिनट में एसपी अभिजीत रंजन, एडीएम साधना परस्ते पहुंची। प्रदर्शनकारियों से बात की। मंदिर परिसर व दीवार का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने मामले की शीघ्र जांच कराते हुए विधि अनुसार आवश्यक कार्रवाई कराए जाने का आश्वासन दिया।
पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक किए गए लाठी चार्ज के बाद कार्यकर्ता और भी आक्रोशित हो उठे और वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिले के अधिकारियों का आने का इंतजार करने लगे। इस दौरान मंदिर के सामने की दीवार को शीघ्र हटाए जाने की सद्बुद्धि प्रशासनिक अधिकारियों व रेलवे के अधिकारियों में आए, इसके लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया।
लगाए जयकारे और टूट पड़े…
यह नजारा दोपहर 12 बजकर 41 मिनट का है। अलग-अलग क्षेत्रों से कार्यकर्ता जयश्रीराम के जयघोषण के साथ पहुंचे। रणनीति बनाई और एकदम से दौड़ लगा दी और मंदिर परिसर में पहुंचकर सामने खड़ी दीवार को तोडऩे लगे।
दीवार में पड़े हथौड़ों के निशान
सिविल पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकती रही, लेकिन कार्यकर्ता इतने आक्रोश में थे कि वे दनादन दीवार में हथौड़ा चलाते रहे। एक के बाद एक जोर-जोर से प्रहार होता रहा। दीवार के दोनों ओर हैमर के बड़े-बड़े निशान हो गए हैं और दीवार कमजोर हो गई है, सुरक्षा के लिहाल से इसे अब हटाया जाना नितांत आवश्यक है।
भीड़ को तितर बितर करने के लिए व स्टेशन परिसर से दूर भगाने के लिए पुलिस ने जब लाटी चार्ज किया तो इस दौरान भगदड़ जैसे हालत निर्मित हो गए। पुलिस के घातक डंडों से बचने के लिए कार्यकर्ताओं ने दौड़ लगा दी, जिसमें पुलिस के बेरीकेट्स आदि जमीन में गिर गए थे।
उत्साह में दिखे कार्यकर्ता
मंदिर के सामने कलंग रूपी दीवार को हटाने को लेकर कार्यकर्ता बड़े ही उत्साह के साथ पहुंचे थे। हाथों में हथौड़ा, सब्बल, रॉड आदि लेकर पहुंचे और दनादर दीवार में वार किए, ताकि वह ढह जाए। उनका कहना था कि जबतक हमारी आस्था के केंद्र के सामने से दीवार नहीं गिरेगी, तबतक वे हटेंगे नहीं।
एक घंटे पहले से छावनी बना रहा स्टेशन
बजरंग दल द्वारा प्रदर्शन किए जाने की आहट के चलते दोपहर 12 बजे से स्टेशन परिसर छावनी में तब्दील रहा। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई थानों की पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी पुलिस मुस्तैद रही।
28 दिसंबर 2023 को तत्कालीन डीआएम विवेकशील ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा था कि कटनी स्टेशन परिसर में जो मंदिर बना है बहुत पुराना है। इस मंदिर से स्टेशन मार्ग में कोई बाधा नहीं है और ना ही किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न हो रहा है। इस मंदिर से स्थानीय निवासियों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसलिए इस धार्मिक संरचना को नियमित किए जाने की प्रक्रिया में लाया जाए, लेकिन अधिकारियों ने गंभीर मुद्दा होने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
एसपी ने कही यह बात
अभिजीत रंजन, एसपी ने कहा कि बजरंग दल द्वारा मंदिर के सामने से दीवार हटाने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन किए गए, ज्ञापन सौंपा गया। रेलवे प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर कानूनी प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। धरना प्रदर्शन के दौरान थोड़ा हाथापाई हुई है। मंदिर रेलवे परिसर में है, इसलिए अंतिम निर्णय उन्हीं को लेना है। दो-तीन दिन में निर्णय लिया जाएगा।
एडीएम ने कही यह बात
साधना परस्ते, एडीएम ने कहा कि रेलवे परिसर में बने मंदिर के सामने की दीवार को हटाने मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ है। दीवार को हटाए जाने के लिए रेलवे को भी पत्राचार किया गया है। शीघ्र ही उचित निर्णय लिया जाएगा। मंदिर का नियंत्रण रेलवे के आधीन है। कलेक्टर ने भी रेलवे के अधिकारियों से चर्चा की है। शीघ्र ही इस मामले का निराकरण किया जाएगा।
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