तकनीकी सहायता और पुलिसिंग से मिली सफलता
ऑपरेशन मुस्कान के दौरान पुलिस ने तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया। मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग, सोशल मीडिया, रेलवे स्टेशन एवं अन्य माध्यमों से गहन पड़ताल की गई। टीमों ने विभिन्न राज्यों एवं जिलों में दबिश देकर लापता बालिकाओं को बरामद किया। इनमें से कई बालिकाएं रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, निजी ठिकानों और अन्य स्थानों से मिलीं। हर बरामद बालिका के परिवार से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज सत्यापन के बाद सुपुर्द किया गया।(ये आंकड़े 1 मई से 24 मई तक चले अभियान के हैं)
थाना दस्तयाबी
कोतवाली 02
माधवनगर 08
कुठला 02
एनकेजे 01
रंगनाथनगर 01
स्लीमनाबाद 02
बहोरीबंद 02
उमरियापान 02
ढीमरखेड़ा 01
बाकल 03
विजयराघवगढ़ 03
कैमोर 03
बरही 03
रीठी 01
बड़वारा 01
योग 36
मानवीय पहल से मिली खुशी
पुलिस ने बच्चियों की तलाश करते हुए थानों में बालिकाओं के के परिजनों को बुलाकर सौंपा है। पुलिस अधिकारी मुस्कान के साथ बालिकाओं को सौंपते नजर आ रहे हैं। समाज में पुलिस की सकारात्मक सक्रियता से बेटियों के परिजनों को बड़ी राहत मिली है। कुछ बेटियां ऐसी हैं तो कच्ची उम्र में बहकावे में आकर, कुछ डाटने के कारण तो कुछ बेवजह घर से चली गईं थीं। कुछ मामलों में तथा कथित प्रेमियों द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाया गया था।खास-खास
- 15 थानों की पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मुस्कान।
- 10 बच्चियां 12 से 15 साल की हैं दस्याबी में शामिल।
- 26 बच्चियों की उम्र 15 से 18 वर्षी की।
- 08 सर्वाधिक बेटियों को माधवनगर पुलिस ने किया दस्तयाब।