Dhan Kharidi: समस्या…
Dhan Kharidi: इस सुस्ती का ही नतीजा है कि उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से धाम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसके विपरित धान की मात्रा उपार्जन
केंद्राें में बढ़ती जा रही है। यह समस्या करीब 20 लाख क्विंटल धान था उस समय की है अब तो 28 लाख क्विंटल तक पहुंच चुकी है।
स्टेग तो बढ़ाए ही गए हैं साथ ही स्टेग में धान की ऊंचाई बढ़ा दी गई है। इससे कुछ हद तक धान को रखने की जगह बन गई है। लेकिन समस्या भी है कि धान की ढेरी अधिक ऊंचाई तक नहीं रखी जा सकती अन्यथा कोई हादसा भी सकता है। वहीं बिना चबुतरा के स्टेग में बारिश की स्थिति में धान खराब की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अधिक मात्रा में धान का उठाव करना होगा।
गति बेहद धीमी
राइस मिलर्स द्वारा अब रोजाना ही उपार्जन केंद्राें से
धान का उठाव कर परिवहन किया जा रहा है। वहीं विपणन विभाग की ओर से भी धान का उठाव लगातार कराया जा रहा है, लेकिन समस्या है कि उठाव से कहीं अधिक रोजाना धान की आवक है, जिसके कारण उपार्जन केंद्राें में धान की उपलब्धता जस की तस है।
उपार्जन केंद्रों में धान की ढेरी लगाते हुए मजदूर।
जिले के सभी उपार्जन केंद्रों से
राइस मिलर्स को शुक्रवार 3 जनवरी को 38 हजार 794 क्विंटल और अब तक 7 लाख 315 क्विंटल धान प्रदान किया जा चुका है। वहीं संग्रहण केंद्र के लिए 19 हजार 940 क्विंटल जारी किया गया, जबकि अब तक 7 लाख 54 हजार 241 क्विंटन धान परिवहन के लिए जारी किया जा चुका है। रोजाना करीब 50 से 70 राइस मिलर्स द्वारा धान का उठाव व परिवहन किया जाता है। बावजूद उठाव और परिवहन किए जाने की गति धीमी है।
66 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य
वहीं शासन ने जिले के किसानों ने 66 लाख क्विंटल
धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है जो बीते वर्ष के लक्ष्य से 13 लाख क्विंटल अधिक है। धान खरीदी 14 नवंबर 2024 से प्रारंभ है जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। यदि बारिश या फिर अन्य किसी तरह की समस्या आती है तो किसानों की मांग पर समय भी बढ़ाया जाएगा।