scriptपॉजीटिव स्टोरी : दो पीढिय़ों की अठखेलियों से गूंज रहा बगीचा, मोबाइल से दूर हुए 200 परिवारों के बच्चे | The garden is echoing with the playfulness of two generations, children of 200 families are away from mobile phones | Patrika News
खंडवा

पॉजीटिव स्टोरी : दो पीढिय़ों की अठखेलियों से गूंज रहा बगीचा, मोबाइल से दूर हुए 200 परिवारों के बच्चे

शहर के बगीचे में हरियाली देखना हो तो रामेश्वर वार्ड के श्री गुरुगोविंद सिंह उद्यान आइए। यहां बगीचे में दो पीढिय़ों की अठखेलियों बीच बच्चों के चहकने की गूंज दादा-दादी और नाना-नानी के चेहरे पर खुशहाली ला रही है।

खंडवाMay 24, 2025 / 11:57 am

Rajesh Patel

Greenery

शहर के श्री गुरू गोविंद सिंह उद्यान में अठखेलियां करते बुजुर्ग

शहर का पहला आध्यात्म उद्यान, पर्यावरण संरक्षित के साथ चहक रहे बच्चे व बुगुर्ज, हर घर हरियाली को सवा लाखा पौधों का लक्ष्य, यहां बगीचे में दो पीढिय़ों की अठखेलियों बीच बच्चों के चहकने की गूंज दादा-दादी और नाना-नानी के चेहरे पर खुशहाली ला रही है। यही नहीं दो हजार पौधों के बीच बच्चों को खेलने का मौका मिला तो वे मोबाइल से दूर हो गए।
रामेश्वर वार्ड श्री गुरू गोविंद सिंह उद्यान

छुट्टियों में खेलने की जगह मिली तो मोबाइल से दूर हुए बच्चे

शहर के बगीचे में हरियाली देखना हो तो रामेश्वर वार्ड के श्री गुरुगोविंद सिंह उद्यान आइए। यहां बगीचे में दो पीढिय़ों की अठखेलियों बीच बच्चों के चहकने की गूंज दादा-दादी और नाना-नानी के चेहरे पर खुशहाली ला रही है। यही नहीं दो हजार पौधों के बीच बच्चों को खेलने का मौका मिला तो वे मोबाइल से दूर हो गए। ऐसा हम नहीं बल्कि बच्चों के माता-पिता कह रहे हैं। पालकों ने पत्रिका से कहा कि इससे अच्छा बगीचा और शांत वातारण कहीं नहीं है। छुट्टियों में बच्चों को खेलने की जगह मिली तो वे मोबाइल से दूर हो गए। ये कहानी अकेले पिंटू, शिवानी और मंटू की नहीं बल्कि 200 परिवारों के बच्चों की है। बगीचे में सुबह 5 से 8 और शाम 5 से 7 बजे तक बुजुर्ग और बच्चों की अठखेलियां देख आप भी अपने को रोक नहीं पाएंगे। इस पार्क से शहर के अन्य मोहल्ले के लोगों को सीख लेनी चाहिए। ताकि उनके बच्चे और बुजुर्गों की सेहत ठीक रहे।
रामेश्वर वार्ड 47 श्री गुरु गोविंद सिंह उद्यान

आध्यात्म उद्यान में सवा लाख पौधों की तैयार कर रहे नर्सरी

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि आनंद नगर ने 5 जून 2022 को श्री गुरु गोविंद सिंह उद्यान को तत्कालीन कलेक्टर अनूप कुमार सिंह की मदद से नगर निगम से गोद लिया है। पर्यावरण को संरक्षित करने आध्यात्म उद्यान विकसित किया। दो साल के भीतर छोटे-बड़े दो हजार पेड़ लगाए। इसमें नीम, पीपल के साथ ही गुलाम, मधुबनी, गुडहल, पारस आदि हैं। छाया व फूल पत्तियों व औषधि वाले पेड़ हैं। मेंटेनेंस बीके दीपक चौधरी व शिव अरोरा करते हैं। संस्था हर माह 20 से 25 हजार रुपए खर्च करती है। दीपक चौधरी बताते हैं कि संस्था की ओर से ‘ हर घर हरियाली, हर घर खुशहाली ’ के लिए सवा लाख पौधों का लक्ष्य रखा है। इस नर्सरी का नाम ‘ आध्यात्म उद्यान ’ रखा है। बगीचे को सींचने सांसद निधि से पंप लगा हुआ है। इसके अलावा नल व ड्रिप लगी है। रोशन के लिए हाई मास्ट व पंप का बिल निगम भरता है। बगीचे में आने वाले कुछ लोग पौध लगाने आर्थिक मदद भी करते हैं।
दो साल के भीतर छोटे-बड़े दो हजार पेड़ लगाए

बच्चों के खेलने लगाए झूले, बनाई छतरी

बच्चों व बुजुर्गों के लिए विधि तरीके झूले, बैठकर मंथन करने 40 बाय 40 की छतरी, शेड, रंग बिरंग उपकरण, वेस्टेज सामग्री बॉटल व टायर से पौधों के गमले व विभिन्न गतिविधियां तैयार की गई हैं।
20 क्विंटल जैविक खाद तैयार कर रहे

बगीचे के खरपतवार से हर साल 20 क्विंटल जैविक खाद बनाते हैं। जैविक खाद तैयार करने तीन टंकियां बनी हैं। खरपतवार को खाद बनाने छांछ, गुढ़, पानी और मिट्टी का मिश्रण करते हैं। इस खाद व मिट्टी से पौधों को हरा-भरा करने के साथ नर्सरी तैयार कर रहे।पालक- बोलेफोटो-2407 -खुशी पटेल, पालक —गार्डन बहुत अच्छा लगता है। हर रोज आती हूं। सबसे खुशी की बात यह कि बच्चों को खेलने की सुविधा अच्छी है। इस लिए वे मोबाइल से दूर हैं।

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