भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और ऑपरेशन सिन्दूर
रिपोर्ट में इस महीने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए ऑपरेशन सिन्दूर का संदर्भ दिया गया है, जब भारतीय हवाई हमलों में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत को एक अस्तित्वगत खतरा मानता है और भारत के पारंपरिक सैन्य लाभ कम करने के लिए युद्ध के मैदान में परमाणु हथियारों के विकास सहित अपने सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयास जारी रखेगा।चीन-पाकिस्तान के बीच रिश्तों पर रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है और अपनी परमाणु सामग्री व परमाणु कमान और नियंत्रण की सुरक्षा बनाए रख रहा है। पाकिस्तान लगभग निश्चित रूप से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और बिचौलियों से सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) से संबंधित सामान खरीदता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान को चीन से आर्थिक और सैन्य सहायता मिलती है और इसकी सेना चीनी सेना के साथ कई सैन्य अभ्यास करती है।भारत-चीन संबंधों पर रिपोर्ट,सीमा विवाद का भी जिक्र
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत चीनी प्रभाव का मुकाबला करने और अपनी वैश्विक नेतृत्व भूमिका बढ़ाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को प्राथमिकता दे रहा है। इसने भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र किया और कहा कि पिछले साल की वापसी ने सीमा सीमांकन के बारे में लंबे समय से चल आ रहा विवाद नहीं सुलझाया, लेकिन 2020 के टकराव के मुकाबले अभी भी कुछ तनाव कम हुआ है।चीन की विस्तारवादी नीति भारत के लिए चुनौती
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में चीन की विस्तारवादी नीति और भारत के लिए उसकी सामरिक चुनौती पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने, चीन का सामना करने और भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित रहेगी। भारत, चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानता है, जबकि पाकिस्तान को एक सीमित सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है, जिसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।भारत 2025 में भी रूस के साथ रिश्ते मधुर बनाए रखेगा: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2025 में भी रूस के साथ अपने रिश्ते मधुर बनाए रखेगा, क्योंकि वह रूस के साथ अपने संबंधों को अपने आर्थिक और रक्षा उद्देश्य हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानता है। साथ ही वह रूस-चीन संबंधों को गहरा होते हुए नहीं देखना चाहता है।इस अमेरिकी रिपोर्ट के कई मायने हैं:
चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ रणनीति: हिंद महासागर में चीन के बढ़ते सैन्य अड्डों से भारत की सामरिक घेराबंदी। भारत का परमाणु त्रिकोण (Nuclear Triad): भारत की पनडुब्बी और मिसाइल शक्ति में तेज़ी से विस्तार।यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचाने वाली
भारत की रणनीतिक सोच पर यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचाने वाली है। जहां पाकिस्तान हमेशा से भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती रहा है, वहीं अब अमेरिका जैसी बड़ी शक्ति यह स्वीकार कर रही है कि भारत की असली चिंता चीन है। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह रिपोर्ट भारत की सैन्य रणनीति को और अधिक आक्रामक और लक्ष्य केंद्रित बनाएगी।रिपोर्ट से भारत को कूटनीतिक रूप से मजबूती मिलेगी
रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (रि.) संदीप थापर कहते हैं, “इस रिपोर्ट से भारत को कूटनीतिक रूप से मजबूती मिलेगी। यह स्पष्ट कर देगा कि भारत पाकिस्तान से ज़्यादा चीन को लेकर सजग है और उसी हिसाब से अपनी सैन्य नीति को ढाल रहा है।”अमेरिका की रिपोर्ट से सुलगते सवाल
—क्या भारत की रक्षा नीति में अब रूस की जगह अमेरिका की भूमिका बढ़ेगी?—भारत चीन सीमा पर तनाव की अगली बड़ी स्थिति क्या हो सकती है?
—क्या पाकिस्तान को लेकर भारत की सैन्य नीति अब और सीमित होगी?
—2024 के भारत-पाक मिसाइल संघर्ष पर वैश्विक प्रतिक्रिया क्या रही?
विशेष जानकारी: वाशिंगटन पोस्ट। ये भी पढ़ें: Eid-al-Adha: इस्लामी देशों में ईद-उल-अज़हा 6 जून को होने की उम्मीद, भारत में ऐसे तय होगी ईद की तारीख