फर्जी साइन का इस्तेमाल करके गलत तरीके से भेजी गई राशि
कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि ओबीसी विभाग की जांच हुई थी। जिसमें क्रिएटर और अप्रूवर के डिजिटल सिग्नेचर से पैसे निकाले गए। डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करके गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर किए गए। इसमें हमने वसूल के आदेश भी दिए हैं। एफआईआर में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। जांच में शामिल बाकी लोग पाए जाते हैं तो उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा। बड़े स्तर की गड़बड़ी हुई। इसका जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी होता है।
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
कलेक्टर ने कहा कि उन छात्रों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। जो पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं। विभाग का मकसद छात्रों की मदद के लिए छात्रवृत्ति देना था, लेकिन अधिकारियों ने वह पैसा अपनी जेब में डाल लिया। उन्होंने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।