mp news: संत सियाराम बाबा के भक्तों के लिए एक राहत भरी खबर है। शनिवार को संत सियाराम बाबा की सेहत में सुधार आया है और सेवादारों ने उन्हें चाय-बिस्किट भी खिलाया है। इस दौरान उन्होंने आश्रम के सेवादारों से कुछ देर तक चर्चा भी की है। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में नर्मदा नदी के किनारे भट्टयान गांव के आश्रम में रहने वाले संत सियाराम बाबा बीते कुछ दिनों से बीमार हैं। संत सियाराम बाबा के हजारों लाखों भक्त हैं जो बाबा की तबीयत खराब होने के बाद से उनके स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे हैं।
खरगोन सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसोदिया ने बताया कि संत श्री के स्वास्थ्य में सुधार आया है और उन्हें लिक्विड दिया जा रहा है। डॉक्टरों की विशेष टीम लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ संत सियाराम बाबा के भक्तों का मंदिर पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है जो खिड़की से व बाहर लगी एलईडी स्क्रीन पर बाबा के दर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं भक्त आश्रम में ही बाबा के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करते हुए भजन कर रहे हैं।
बता दें कि खरगोन के समीप नर्मदा तट किनारे भट्यान गांव के आश्रम में रहने वाले संत सियाराम बाबा की तबीयत बीते दिनों निमोनिया होने के कारण बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 6 दिन पहले ही अस्पताल से उनकी छुट्टी हो गई और वो फिर से भक्तों से मुलाकात करने लगे थे, लेकिन दो दिन से फिर उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था। सीएम मोहन यादव के निर्देश के बाद शनिवार को डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम शनिवार को आश्रम पहुंची थी जो लगातार बाबा के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है।
बता दें कि संत सियाराम बाबा की उम्र 100 साल से ज्यादा है। बाबा ने बारह वर्षों तक मौन भी धारण कर तपस्या की थी। बताया जाता है कि 12 साल तक मौन व्रत धारण करने के बाद उन्होंने पहला शब्द सियाराम बोला था जिसके कारण भक्त उन्हें सियाराम बाबा कहने लगे। चाहे भीषण गर्मी हो या कड़कड़ाती ठंड सियाराम बाबा हमेशा एक लंगोट में ही रहते हैं और 100 साल से ज्यादा की उम्र होने के बाद भी वो 20-21 घंटों तक रामायण की चौपाई पढ़ते हैं। इतना ही नहीं जो भक्त आश्रम में उनसे मिलने आता है और ज्यादा दान देना चाहता है तो वो उसे स्वीकार नहीं करते हैं और दान में सिर्फ दस रुपए का नोट ही लेते हैं। संत सियाराम बाबा के भक्त देश ही नहीं विदेशों में तक हैं।