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कोलकाता

बंगाल बजट: महिलाओं व युवाओं को मिल सकती है सौगात, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी संभव

संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केन्द्रीय बजट पेश करने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार राज्य बजट पेश करेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय नवान्न में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान तय किया गया कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बंगाल बजट 12 फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा।

कोलकाताJan 31, 2025 / 04:10 pm

Rabindra Rai

बंगाल बजट: महिलाओं व युवाओं को मिल सकती है सौगात, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी संभव

विधानसभा

राज्य बजट 12 फरवरी को विधानसभा में किया जाएगा पेश

राज्य सचिवालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से शुरू होगा। सत्र के पहले दिन श्रद्धांजलि देने के बाद बाद सत्र स्थगित कर दिया जाएगा। इसके बाद 12 फरवरी को राज्य की वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य सदन में बजट पेश करेंगी। राज्य विधानसभा चुनाव से पहले यह राज्य का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जो वर्ष 2026 में होने वाला है। इस लिए राज्य सरकार के लिए यह बजट महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

चुनावों से पहले आखिरी पूर्ण बजट

राज्य वित्त विभाग के सूत्रों ने कहा कि 2026 में राज्य विधानसभा चुनावों से पहले आखिरी पूर्ण बजट होगा, राज्य सरकार द्वारा पेश की जाने वाली विभिन्न कल्याण और अन्य योजनाओं, विशेषकर महिला और युवा से संबंधित योजनाओं के तहत आवंटन में वृद्धि होने की संभावना है। राज्य सरकार के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा होने की भी संभावना है, जो लंबे समय यह विवादास्पद मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

बंगाल का बिगड़ता वित्तीय प्रदर्शन

हाल ही में नीति आयोग की ओर से जारी राजकोषीय सेहत सूचकांक 2025 के बाद चंद्रिमा भट्टाचार्य राज्य का बजट पेश करेंगी। आयोग की रिपोर्ट में राजस्व जुटाने, व्यय की गुणवत्ता और ऋण सूचकांक में पश्चिम बंगाल के खराब प्रदर्शन का खुलासा हुआ है। 18 राज्यों की वित्तीय समीक्षा में पश्चिम बंगाल 16वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल व्यय के अनुपात में भौतिक बुनियादी ढांचे पर पश्चिम बंगाल का खर्च 2018-19 में 5.3 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में तीन प्रतिशत हो गया है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। समानता की स्थिति कुल व्यय के अनुपात के रूप में पूंजीगत व्यय की स्थिति भी दयनीय है, जो 2018-19 में 12.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 8.3 प्रतिशत हो गई है और फिर से राष्ट्रीय औसत से कम है।

अनुदान पर निर्भरता बढ़ी

नीति आयोग की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व प्राप्तियों के अनुपात के रूप में सहायता अनुदान पर बंगाल की निर्भरता 2018-19 में 17.6 प्रतिशत से बढक़र 2022-23 में 19.6 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के प्रतिशत के में पश्चिम बंगाल का कर्ज पिछले वाम मोर्चा शासन के कार्यलाल में वित्तीय वर्ष 2010-11 में 40.7 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 35.7 प्रतिशत हो गया । इस मामले में राज्य सरकार के लिए चिंता का असली कारण अर्जित ऋण पर ब्याज भुगतान है।

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