सीबीआई और बंगाल सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई
एक ओर, न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है और रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है। दूसरी ओर, यही खंडपीठ पश्चिम बंगाल सरकार की एक ऐसी ही याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है। बंगाल सरकार ने किया सीबीआई की याचिका का विरोध
दूसरा मामला इस मायने में दिलचस्प है कि सीबीआई ने रॉय के लिए मौत की सजा की याचिका के साथ खुद कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उसने राज्य सरकार के इस तरह की याचिका दायर करने के अधिकार का विरोध किया। सीबीआई ने उन आधारों पर सवाल उठाया, जिनके आधार पर राज्य सरकार ऐसी अपील कर सकती है। केंद्रीय एजेंसी के वकील के अनुसार, मामले की जांच कर रही सीबीआई और पीड़िता के माता-पिता ही उच्च न्यायालय में ऐसी याचिका दायर कर सकते हैं, राज्य सरकार नहीं, क्योंकि वह मामले में पक्षकार नहीं है।
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि ट्रेनी डॉक्टर अगस्त 2024 में अस्पताल परिसर में मृत पाई गई थी। पिछले साल 9 अगस्त की सुबह आर.जी. कर परिसर के भीतर एक सेमिनार हॉल से पीड़िता का शव बरामद होने के बाद, शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की थी। इसके अधिकारियों ने रॉय को भी गिरफ्तार किया था। हालांकि, शहर की पुलिस द्वारा पांच दिनों की शुरुआती जांच के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच का प्रभार सीबीआई को सौंप दिया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विशेष अदालत के आदेश को दोषी को मौत की सजा दिलाने में सीबीआई की विफलता बताया है।