अचानक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की मांग बढ़ने से इसे लगाने वाली एजेंसियाें के यहां दबाव बढ़ गया है। लोग रोजाना बड़ी संख्या में हाई सिक्योरिटी नंबर लेने के लिए पहुंच रहे हैं। कोरबा जैसे शहर में लोगों को नंबर प्लेट के लिए सात से 10 दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि इस कार्य के लिए परिवहन विभाग की ओर से पांच कैप टीम का गठन भी किया गया है। यह विभिन्न सरकारी विभागों में पहुंचकर शिविर लगा रही है और पुरानी गाड़ियों के नंबर प्लेट को हाई सिक्योरिटी नंबर में बदला जा रहा है।
विभाग की ओर से बताया गया है कि जिस जिले में दो पहिया, तीन पहिय, चार पहिया या अन्य सवारी गाड़ियों का पंजीयन किया गया है। उसी जिले में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग सकेगा।
High Security Number Plate: क्या है हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक विशेष तरह की नंबर प्लेट होती है, जिसे वाहनों की सुरक्षा और ट्रैकिंग के लिए सरकार ने अनिवार्य किया है। यह प्लेट, पुराने नंबर प्लेट से ज्यादा सुरक्षित होती है।
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के निर्देश पर नियम लागू
अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के निर्देश पर यह फैसला लिया गया है। वाहन स्वामी सुरक्षित रहे और उनकी गाड़ी की मॉनिटरिंग हो सके, इसलिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाया जा रहा है इसे लेकर राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना पहले जारी की थी। HSRP लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी
छत्तीसगढ़ में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी है। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत लगभग 50 लाख पुराने वाहनों में HSRP प्लेट अनिवार्य रूप से लगाने का निर्णय लिया है। जिले में केवल 20 फीसदी वाहनों में ही नंबर प्लेट लग पाई हैं।