जेईई एडवांस्ड की दोनों शिफ्टों के प्रश्न पत्र स्वतंत्र होते हैं। प्रथम पारी का स्तर देख कर द्वितीय पारी का अनुमान लगाना न केवल निरर्थक है, बल्कि यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है।
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने विद्यार्थियों को सलाह दी है कि वे पेपर के कठिनाई स्तर को लेकर किसी भी प्रकार की अटकलें नहीं लगाएं। उन्होंने बताया कि नीट यूजी 2025 के दौरान लाखों विद्यार्थियों ने पेपर का पूर्वानुमान लगाया था, जो गलत साबित हुआ और उनकी परफॉर्मेंस पर विपरीत असर पड़ा।
जेईई एडवांस्ड में पेपर पैटर्न और मार्किंग स्कीम पूर्व घोषित नहीं होती। प्रत्येक भाग में मार्किंग प्रणाली अलग हो सकती है। कुछ भागों में नेगेटिव मार्किंग, कुछ में आंशिक नेगेटिव मार्किंग तथा कुछ में कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं होती। विद्यार्थियों को प्रत्येक भाग की निर्देशिका को सावधानीपूर्वक पढ़ना अत्यंत आवश्यक है।
रफ वर्क के लिए स्क्रिबल-पैड सीमित परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को रफ कार्य के लिए सीमित स्क्रिबल पैड्स दिए जाएंगे। अतिरिक्त स्क्रिबल पैड देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए छात्रों को उपलब्ध पन्नों का सदुपयोग करना होगा।
परीक्षा की अंतिम रणनीति: ‘पढ़ा वही पर्याप्त है’ शर्मा ने विद्यार्थियों को सलाह दी है कि अब उन्हें आत्मविश्वास के साथ यह मानकर चलना होगा कि “जो पढ़ा है, वही पर्याप्त है”। आखिरी समय में कोई नया टॉपिक उठाना नुकसानदेह हो सकता है।
परीक्षार्थियों के लिए सुझाव – समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचें। – एडमिट कार्ड और आईडी प्रूफ साथ लाएं। – प्रश्न पत्र की सभी निर्देशिकाएं ध्यान से पढ़ें। – तनाव से मुक्त रहें और आत्मविश्वास बनाए रखें।