सरकार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सभी विभागों को विस्तृत जांच करने और सरकार को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बिरला ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए 60 डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है और जब तक मेडिकल बोर्ड उन्हें पूरी तरह स्वस्थ घोषित नहीं कर देता, तब तक किसी भी बच्चे को घर नहीं भेजा जाएगा। बिरला ने कहा कि पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को फैक्ट्री से मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए फैक्ट्री मालिकों को पाबंद करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
गैस रिसाव की पुष्टि नहीं, जांच जारी
प्रशासन और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अभी तक अमोनिया गैस रिसाव की पुष्टि नहीं की है। इस पर बिरला ने कहा कि सरकार ने इस पूरे मामले की विशेष जांच रिपोर्ट मांगी है। सभी विभाग सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसके बाद एक्शन लिया जाएगा।
बिरला ने बताया कि उन्होंने खुद बच्चों से मिलकर उनकी स्थिति जानी। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चों ने आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की थी। अलग-अलग बच्चों ने अलग-अलग लक्षण बताए हैं। अभी जांच चल रही है और सरकार सभी पहलुओं की समीक्षा कर रही है।
क्या हुआ था गैस लीक कांड में?
दरअसल, 15 फरवरी को कोटा के गड़ेपान के सरकारी स्कूल में कई बच्चियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें पहले CFCL गड़ेपान और फिर जेके अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस हादसे में 15 छात्राओं सहित 18 लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। इसमें 6 छात्राओं को नाजुक हालत में कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। वहीं, गैस रिसाव का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन सरकार ने इसकी विशेष जांच के आदेश दे दिए हैं।