नगर निगम प्रशासन ट्रेंचिंग ग्राउंड में ठेकेदार की ओर से बार-बार आग लगाने की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई करने की बजाए आंखें मूंदकर बैठा है, जबकि कचरा निस्तारण के लिए ठेका फर्म मैसर्स सुखपाल कम्पनी को करोड़ों रुपए का भुगतान किया जा चुका है। करोड़ों रुपए का बजट कागजों में ही खपा दिया, कचरे का पहाड़ लगातार बढ़ता जा रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में कचरे के निस्तारण के लिए कार्यादेश दिया गया था। कचरे से निजात पाने के लिए 16.50 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च हो चुके हैं।समस्या के समाधान के लिए कई बार उठा चुके आवाज
ट्रेंचिंग ग्राउंड की समस्या बहुत पुरानी है। शहरवासियों ने कई बार इस समस्या के समाधान के लिए आवाज उठाई, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला। ट्रेंचिंग ग्राउंड में कूड़ा-कचरा जमा होने से शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। शहरवासियों ने कई बार इस समस्या के समाधान के लिए आंदोलन किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ट्रेंचिंग ग्राउंड की समस्या का समाधान किया जाए, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी ट्रेंचिंग ग्राउंड बड़ा मुद्दा था।
पाबंद करेंगे
ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण कराया जाएगा, इस दिशा में काम चल रहा है। ठेका फर्म को कचरे का उचित निस्तारण करने के लिए पाबंद किया गया है। आग लगने की स्थिति में तुरंत दमकलें भेजी जाती हैं। समस्या गंभीर है। स्थायी समाधान का प्रयास चल रहा है।
अशोक त्यागी, आयुक्त, कोटा उत्तर नगर निगमसरकार करे कार्रवाई एक विशेष योजना बनाए
कोटा शहर में ट्रेंचिंग ग्राउंड की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह ट्रेंचिंग ग्राउंड की समस्या का समाधान करने के लिए एक विशेष योजना बनाए। योजना में ट्रेंचिंग ग्राउंड को शहर से बाहर स्थानांतरित करने और कूड़ा-कचरा जमा होने से रोकने के लिए विशेष व्यवस्था करने के सुझाव शामिल होने चाहिए।
डॉ. रत्ना जैन, पूर्व महापौर फैक्ट फाइल 550 टन कचरा रोजाना ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंच रहा।
16500 टन कचरा हर माह एकत्रित हो रहा है।
16.50 करोड़ रुपए से ज्यारा राशि कचरा निस्तारण के नाम खर्च।
40000 से अधिक की आबादी कचरे की दुर्गंध से बेहाल।
500 करोड़ दोनों निगम सफाई पर खर्च कर रहे बजट।
3000 से अधिक सफाई कर्मी लगे हुए शहर में।