हमारा खानपान भी हमारे स्वास्थ को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि कौन से खाद्य पदार्थ हमारे दिल के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं ताकि हम उनसे बचकर एक स्वस्थ जीवन जी सकें। हाल ही हुए कई शोध और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ खास तरह के खाद्य पदार्थ सीधे तौर पर हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, जिससे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और धमनियों में रुकावट जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए जानते है कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए हमें किस तरह का खाना नहीं खाना चाहिए।
प्रोसेस्ड फूड
बाजार में बिकने वाले बिस्कुट, चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स, पैकेटबंद सूप और फ्रोजन फूड्स जैसे प्रोसेस्ड फूड सामानों का सेवन हमें बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इन चीजों में अक्सर बहुत ज्यादा मात्रा में सोडियम, ट्रांस फैट और अतिरिक्त चीनी होती है। यह सभी चीजें बीपी बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बिगाड़ने और धमनियों में प्लाक जमने का कारण बन सकते हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
डीप-फ्राइड फूड्स
समोसे, पकौड़े, फ्रेंच फ्राइज़ और अन्य सभी तले हुए खाने के सामान में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। ये फैट हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा कर अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
मीठे पेय पदार्थ और अतिरिक्त चीनी
सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स और अतिरिक्त चीनी वाले फलो के रस जैसे मीठे पेय और खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक मात्रा में चीनी मौजूद होती है। यह ज्यादा चीनी शरीर में सूजन और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ाती है और मोटापे का कारण बनती है, जो कि हृदय रोग के जोखिम कारकों में से एक हैं।
लाल मांस
लाल मांस और अन्य तरह का प्रोसेस्ड मीट जैसे सॉसेज, बेकन और सलामी, में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक होती है। इनके अत्यधिक सेवन से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, संतुलित मात्रा में ली गई लीन रेड मीट की कुछ किस्में उतनी हानिकारक नहीं होतीं, लेकिन प्रोसेस्ड लाल मांस से बचना ही बेहतर है।
अत्यधिक नमक
भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक नमक का प्रयोग होता है। लेकिन अत्यधिक नमक का सेवन ही हाई बीपी का कारण है, जो हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए एक बड़ा जोखिम कारक है। प्रोसेस्ड फूड में भी नमक की मात्रा अधिक होती है।
रिफाइंड अनाज
सफेद ब्रेड, सफेद चावल, पास्ता और अन्य रिफाइंड अनाज उत्पादों में फाइबर की मात्रा कम होती है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स का मात्रा ज्यादा होती है। इनके सेवन से ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन बढ़ सकती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए या इनके सेवन से पूरी तरह से बचना चाहिए। इसके बजाय, ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा (जैसे नट्स, बीज और जैतून का तेल) को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली भी हृदय रोग से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।