Woman’s Day: महिलाओं से पिछड़े पुरुष तो दिमागी बनावट पर उठाने लगे सवाल , शोध ने दोनों के दिमाग में पाया अंतर
Woman’s Day: महिला दिवस के अवसर पर जयपुर में चर्चा हो रही है कि विभिन्न क्षेत्रों में बेटियां बेटों से आगे निकल रही हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या महिलाओं का दिमाग पुरुषों से तेज होता है। शोध से यह पता चला है ।
Woman’s Day: जयपुर, सीबीएसई 10वीं-12वीं, यूपीएससी, मेडिकल, बैंकिंग, बिजनेस, आईटी सेक्टर या फिर ओलंपिक तक बेटियां देश का नाम रोशन कर रही हैं। कम संसाधनों में भी ये घर और बाहर के काम करते हुए बेटों को पछाड़ रही हैं। इसी बात को लेकर विज्ञानियों और मनोविज्ञानियों में बहस छिड़ी है कि क्या वाकई लड़कियों का दिमाग लड़कों से तेज होता है? ऐसा क्या है कि वे कम समय में पढ़ाई करके भी बेहतर रिजल्ट देती हैं? क्या वाकई महिला और पुरुष की दिमागी बनावट में अंतर होता है? हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित साइकोलॉजी टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि महिला और पुरुषों के दिमाग की प्रोसेसिंग, केमिस्ट्री और बनावट में अंतर होता है।
न्यूरोसाइंस ने भी दोनों के दिमाग के साइज में हल्का अंतर पाया। हालांकि कार्यप्रणाली और क्षमता में कोई खास फर्क नहीं दिखा। वहीं, कैलिफोर्निया के आमेन क्लिनिक्स ने अपने शोध में पाया कि महिलाओं के दिमाग के कुछ हिस्सों में खून का प्रवाह काफी तेज होता है। यही उनकी बेहतर एकाग्रता का कारण है। हालांकि रक्त के इस तेज प्रवाह के चलते महिलाओं में घबराहट जैसे लक्षण पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा देखे जाते हैं।
ब्रेन की प्रोसेसिंग में अंतर (Difference in brain processing)
पुरुषों का ब्रेन एक्टिविटी के लिए 7 गुना ज्यादा ग्रे मैटर जबकि महिलाओं का ब्रेन 10 गुना ज्यादा व्हाइट मैटर का उपयोग करता है। ये मैटर ब्रेन के एक खास एरिया में इंफोर्मेशन और एक्शन प्रोसेसिंग सेंटर का काम करता है। लड़कों की तुलना में लड़कियां काम के दौरान तेजी से बदलाव करती हैं जबकि पुरुष वर्क फोकस्ड रहते हैं।
महिला-पुरुष के न्यूरोकेमिकल्स में अंतर (Difference in neurochemicals between men and women)
पुरुष और महिला ब्रेन समान न्यूरोकेमिकल्स को प्रोसेस करते हैं। कुछ मेन न्यूरोकेमिकल्स सेरोटोनिन हैं, जो महिलाओं को शांत बैठने में मदद करते हैं, जबकि पुरुष ज्यादा फिजिकली आवेगी और आक्रामक होते हैं।
दोनों की दिमागी बनावट में अंतर (Difference in brain structure of both)
महिलाओं में हिप्पोकैम्पस में तंत्रिका कनेक्शन की डेंसिटी की अधिकता से वे ज्यादा संवेदनशील होती हैं। संवेदी से अर्थ सभी पांच इंद्रियों से प्राप्त जानकारी से है, जिसे महिलाएं जल्द महसूस कर लेती हैं। वे स्वयं और दूसरों में भावनाओं को जल्द पहचान लेती हैं। अध्ययन में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा 66 प्रतिशत ज्यादा भावनात्मक पाया गया।
Womens day से पहले साड़ी में वॉकथॉन का आयोजन | Today women’s day
किस क्षेत्र में कितनी महिलाएं | Sector women participation
सेक्टर
महिला भागीदारी (%)
कृषि
76.2
शिक्षा
50.1
वित्तीय निर्णय
47.0
श्रम शक्ति
41.4
मेडिकल/नर्सिंग
37.0
आईटी
36.1
सिविल सेवा
34.0
शीर्ष 10 राज्यों में महिला श्रम बल भागीदारी (प्रतिशत)
राज्य
महिला श्रम बल भागीदारी (%)
मेघालय
71.8
सिक्किम
68.2
अरुणाचल प्रदेश
66.5
नागालैंड
64.3
छत्तीसगढ़
59.9
मध्य प्रदेश
52.3
जम्मू-कश्मीर
52.2
राजस्थान
50.9
झारखंड
49.8
ओडिशा
49.4
शोध: कई स्टडी ने दोनों के दिमाग में पाया अंतर | Mahila divas
जयपुर, पढ़ाई से लेकर कामकाज हो या खेल, बेटियां देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस बीच यह बहस छिड़ गई है कि क्या वाकई लड़कियों का दिमाग लड़कों से तेज होता है? क्या इनकी दिमागी बनावट में अंतर है? हाल में साइकोलॉजी टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि महिला और पुरुषों के दिमाग की प्रोसेसिंग, केमिस्ट्री और बनावट में अंतर होता है। न्यूरोसाइंस ने भी दोनों के दिमाग के साइज में हल्का अंतर पाया। हालांकि कार्यप्रणाली और क्षमता में कोई खास फर्क नहीं दिखा।
पुरुषों का ब्रेन एक्टिविटी में 7 गुना ज्यादा ग्रे मैटर, महिलाओं का 10 गुना ज्यादा व्हाइट मैटर उपयोग करता है। यह ब्रेन में सूचना व एक्शन प्रोसेसिंग सेंटर करता है। लड़कियां काम में तेजी से बदलाव करती हैं, पुरुष वर्क फोकस्ड रहते हैं।
न्यूरोकेमिकल्स में अंतर | Differences in neurochemicals
पुरुष और महिला ब्रेन समान न्यूरोकेमिकल्स को प्रोसेस करते हैं। कुछ मेन न्यूरोकेमिकल्स सेरोटोनिन हैं, जो महिलाओं को शांत बैठने में मदद करते हैं, जबकि पुरुष ज्यादा फिजिकली आवेगी और आक्रामक होते हैं।
दिमागी बनावट में अंतर | Difference in brain structure
महिलाओं में हिप्पोकैम्पस में तंत्रिका कनेक्शन की डेंसिटी की अधिकता से वे ज्यादा संवेदनशील होती हैं। स्वयं और दूसरों में भावनाओं को जल्द पहचान लेती हैं। स्टडी में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा 66 प्रतिशत ज्यादा भावनात्मक पाया गया।