ई-लॉटरी प्रक्रिया पूरी, आबकारी विभाग ने फुटकर दुकानों का आवंटन किया
ई-लॉटरी प्रणाली से हुआ आवंटन, पूरी पारदर्शिता के साथ हुई प्रक्रिया
आबकारी विभाग के अनुसार, इस बार ई-लॉटरी प्रणाली से दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से निष्पादित किया गया, जिससे किसी भी तरह की अनियमितता की संभावना खत्म हो गई। यह प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष रही, जिसमें किसी भी तरह की धांधली या पक्षपात की कोई संभावना नहीं थी।
572 देशी शराब और 400 अंग्रेजी शराब के ठेके आवंटित
लखनऊ में आबकारी विभाग ने इस बार 572 देशी शराब की दुकानों, 400 अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकानों तथा 56 मॉडल शॉप का आवंटन किया। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी दुकानों को ई-लॉटरी के माध्यम से पारदर्शी रूप से वितरित किया गया है।उत्तर प्रदेश में शराब और भांग की दुकानों के लिए 2 लाख आवेदन, सरकार को मिले 1066.33 करोड़ रुपये
इस प्रक्रिया के मुख्य बिंदु
- 572 देशी शराब की दुकानें आवंटित
- 400 अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकानें आवंटित
- 56 मॉडल शॉप को मंजूरी मिली
- 17,605 आवेदनों में से 6 आवेदन निरस्त
- ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटन होने के बाद अब सभी दुकानों को नियमानुसार संचालन की अनुमति दी जाएगी।
ई-लॉटरी प्रक्रिया में शामिल अधिकारी
इस ई-लॉटरी प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:- जिलाधिकारी (DM) विशाख जी
- आईजीपी एवं अन्य पुलिस अधिकारी
- आबकारी अधिकारी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी
- यह पूरी प्रक्रिया सरकार के निर्देशों के अनुसार हुई और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती।
क्या है ई-लॉटरी प्रणाली और क्यों अपनाई गई
इस बार आबकारी विभाग ने ई-लॉटरी प्रणाली को चुना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुकानों के आवंटन में किसी भी तरह की धांधली न हो और कोई भी गलत लाभ न उठा सके। इस प्रणाली के माध्यम से सभी आवेदनों की निष्पक्ष समीक्षा की गई और उन्हें कंप्यूटर के माध्यम से लॉटरी के द्वारा आवंटित किया गया।उत्तर प्रदेश नई आबकारी नीति 2025: शराब दुकानों के आवेदन से सरकार को बंपर राजस्व
इस प्रणाली के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- पूरी पारदर्शिता: ई-लॉटरी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और निष्पक्ष होती है।
- धांधली की संभावना नहीं: मैनुअल हस्तक्षेप की संभावना नहीं रहती, जिससे किसी भी तरह की धांधली रोकी जा सकती है।
- तेज और सुचारू प्रक्रिया: पूरी प्रक्रिया बेहद तेज़ होती है और इसमें बहुत कम समय लगता है।

कैसे हुआ दुकानों का आवंटन?
आवेदन प्रक्रिया:आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई थी, जहां इच्छुक लोगों ने अपने आवेदन जमा किए।
सभी आवेदनों की जांच की गई और जो मानकों पर खरे नहीं उतरे, उन्हें निरस्त कर दिया गया। ई-लॉटरी ड्रॉ:
कंप्यूटराइज्ड सिस्टम के ज़रिए सभी योग्य आवेदकों के बीच लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई।
परिणाम घोषित
- सफल आवेदकों को उनके आवंटित ठेके की जानकारी दी गई।
- शराब ठेकों के आवंटन से सरकार को कितना राजस्व मिलेगा?
- आबकारी विभाग के अनुसार, इस प्रक्रिया से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। शराब की दुकानों के आवंटन से प्राप्त होने वाला यह राजस्व राज्य सरकार की वित्तीय व्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।
नए ठेकेदारों के लिए दिशा-निर्देश
आबकारी विभाग द्वारा नए ठेकेदारों के लिए कुछ खास दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं:- सभी दुकानों पर निर्धारित समय का पालन करना होगा।
- अवैध शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
- शराब की ओवरप्राइसिंग (अधिक कीमत पर बिक्री) नहीं की जा सकेगी।
- सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन करना होगा।
- सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि जो ठेकेदार इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।