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लखनऊ

Lucknow बस हादसा: नींद में जल गए पांच यात्री, इमरजेंसी गेट बना मौत का जाल, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Lucknow Bus Fire Accident: लखनऊ के किसान पथ पर एक स्लीपर बस में आग लगने से पांच यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बस में गंभीर तकनीकी खामियां थीं। अग्निशमन यंत्र नहीं था, इमरजेंसी गेट बंद था, और सस्ती वायरिंग व सामग्री से आग तेजी से फैली।

लखनऊMay 16, 2025 / 12:31 pm

Ritesh Singh

Mohanlalganj Bus Fire

Mohanlalganj Bus Fire

Lucknow Bus Fire:  लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित किसान पथ पर गुरुवार की सुबह एक स्लीपर बस में आग लगने से हुए दर्दनाक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो बच्चे, दो महिलाएं और एक युवक शामिल हैं। बस बिहार से दिल्ली जा रही थी और उसमें 70 से अधिक यात्री सवार थे। हादसे के बाद प्रशासन ने घटना की जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसमें सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी और तकनीकी कमियों का खुलासा हुआ है।
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आग की लपटों में घिरी बस, बच नहीं सके यात्री

सुबह करीब 4 से 5 के बीच बजे चलती बस में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते लपटों ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। अधिकतर यात्री उस समय नींद में थे और जब तक वे कुछ समझ पाते, तब तक आग विकराल हो चुकी थी। बचाव के रास्ते सीमित होने के कारण कई यात्री बस में ही फंस गए। बस का इमरजेंसी गेट जाम था और उसके रास्ते में सीटें लगाई गई थीं, जिससे बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया।
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मृतकों की पहचान

  • पांच लोगों की मौत इस हादसे में हो चुकी है, जिनमें से चार की शिनाख्त कर ली गई है:
  • लक्ष्मी देवी (55 वर्ष) – निवासी पटना
  • सोनी महतो (26 वर्ष) – निवासी समस्तीपुर
  • देवराज (3 वर्ष) – सोनी महतो का बेटा
  • साक्षी (2 वर्ष) – अज्ञात माता-पिता की बेटी
  • मधुसूदन (21 वर्ष) – निवासी बक्सर
  • इन सभी को आग की लपटों से बचाया नहीं जा सका। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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जांच में सामने आई मुख्य खामियां

Lucknow Bus Fire Tragedy
  • आरटीओ और मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर द्वारा तैयार की गई तकनीकी जांच रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां पाई गईं:
  • इमरजेंसी गेट अवरुद्ध: बस के इमरजेंसी गेट के सामने सीटें लगाई गई थी, जिससे आग लगने पर निकास असंभव हो गया।
  • फायर सेफ्टी की कमी: बस में अग्निशमन यंत्र तक मौजूद नहीं था। यात्री खुद छोटे गैस सिलेंडर लेकर यात्रा कर रहे थे।
  • कम गुणवत्ता की वायरिंग: बस में सस्ती वायरिंग की गई थी, जिससे शॉर्ट सर्किट की संभावना बढ़ गई थी।
  • आग फैलाने वाले पर्दे: बस के अंदर सामान्य कपड़े के पर्दे थे, जो आग लगने की स्थिति में तेजी से लपटें फैलाते हैं।
  • अग्निरोधक सामग्री की कमी: बस के इंटीरियर में अग्निरोधी सामग्री का उपयोग नहीं किया गया था, जिससे आग तेजी से फैली।
  • संकरी संरचना: बस का आंतरिक गलियारा बहुत संकरा था, जिससे आपातकालीन स्थिति में यात्री निकल नहीं सके।

16 आरटीओ क्षेत्रों से गुजरी, फिर भी नहीं हुई जांच

चौंकाने वाली बात यह है कि यह बस बिहार से दिल्ली जाते हुए 1300 किलोमीटर का सफर तय कर रही थी और रास्ते में करीब 16 आरटीओ क्षेत्रों से होकर गुजरी, जिनमें कुशीनगर, गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, फिरोजाबाद, नोएडा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके बावजूद किसी भी आरटीओ ने बस की सुरक्षा जांच नहीं की।
Lucknow Bus Fire Tragedy

कागजात थे दुरुस्त, पर सुरक्षा में चूक

  • बागपत में पंजीकृत इस बस के कागजात जैसे परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाणपत्र सब दुरुस्त पाए गए।
  • टैक्स: 31 मई 2025 तक
  • फिटनेस: 7 अप्रैल 2026 तक
  • प्रदूषण प्रमाणपत्र: 22 मार्च 2026 तक
  • इंश्योरेंस: 13 जुलाई 2025 तक
  • परंतु कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने इस दुर्घटना को जन्म दिया।
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चालक-परिचालक फरार, एफआईआर दर्ज
हादसे के तुरंत बाद बस का चालक और परिचालक मौके से फरार हो गए। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और उनकी तलाश जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों ने खिड़की तोड़कर भागने में सफलता पाई लेकिन किसी यात्री को बचाने की कोशिश नहीं की।
Lucknow Bus Fire Tragedy

सरकारी प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया, उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।

पुलिस और परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बस में सवार यात्रियों की संख्या को लेकर स्पष्ट नहीं है:
  • परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बस 52 सीटर थी, और उसमें करीब 46 यात्री सवार थे।
  • जबकि डीसीपी दक्षिण निपुण अग्रवाल के अनुसार, बस में 70 से अधिक यात्री सवार थे।
  • यह अंतर इसलिए है क्योंकि कई यात्री सीटिंग से अधिक संख्या में बस में सवार थे, संभवतः कई बिना टिकट या अस्थायी बुकिंग पर यात्रा कर रहे थे।

आग कैसे लगी

Lucknow Bus Fire Tragedy
जांच में जो बातें सामने आईं, उनसे आग लगने के संभावित कारण निम्नलिखित हैं:
  • शॉर्ट सर्किट की आशंका: बस में कम गुणवत्ता की वायरिंग की गई थी, जो शॉर्ट सर्किट की एक बड़ी वजह मानी जा रही है।
  • अग्निरोधी सामग्री का अभाव: बस के इंटीरियर में अग्निरोधक सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया था, जिससे आग तेजी से फैली।
  • अंदर गैस सिलेंडर की मौजूदगी: कुछ यात्री छोटे सिलेंडर लेकर सफर कर रहे थे, जो आग को और खतरनाक बना सकते हैं।
  • कपड़े के पर्दे और सस्ते इंटीरियर : बस में लगाए गए कपड़े के पर्दे और अन्य सस्ते मटेरियल ने आग को फैलाने में अहम भूमिका निभाई।
  • इन कारणों से बस में आग तेजी से फैल गई, और यात्री समय रहते बाहर नहीं निकल सके, जिससे पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
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परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि स्लीपर बसों में अग्निरोधक मटेरियल और सुरक्षा यंत्रों की कमी बहुत आम हो चुकी है। साथ ही निजी बस ऑपरेटर लागत बचाने के चक्कर में सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी बसों के लिए नियमित निरीक्षण और अनिवार्य सेफ्टी ऑडिट की सिफारिश की है।

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