यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने कहा, “यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में किसी भी परीक्षार्थी को नकल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसकी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, नकल करवाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या जेल की सजा दी जाएगी।”
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इस नई व्यवस्था का उद्देश्य परीक्षा में अनुशासन बनाए रखना और नकल करने वालों को कड़ी सजा देना है। भगवती सिंह ने यह भी बताया कि कुछ अवांछित तत्व और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गलत सूचनाएं फैला रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत विद्यार्थियों पर जुर्माना और कारावास की सजा लागू की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह नियम केवल नकल करने वालों पर लागू होगा, जो शैक्षिक, तकनीकी, व्यवसायिक या अन्य योग्यता प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक परीक्षा में बैठते हैं।अगर किसी परीक्षार्थी को नकल करते हुए पकड़ा गया, तो उसकी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, नकल करवाने वाले व्यक्ति, चाहे वह किसी स्कूल का शिक्षक हो या बाहरी व्यक्ति हो, उन्हें 1 करोड़ रुपये का जुर्माना या कारावास की सजा हो सकती है। यह नियम यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल की समस्या को खत्म करने के लिए बनाए गए हैं। इस कदम के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार और बोर्ड की परीक्षा समिति यह सुनिश्चित करना चाहती है कि परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं फैला रहे हैं कि नकल करने पर जुर्माना और कारावास की सजा सभी परीक्षार्थियों पर लागू होगी, जबकि यह नियम केवल नकल करने वालों और नकल करवाने वालों पर लागू होगा। इस संबंध में यदि कोई भ्रामक सूचना फैलाता है, तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों से अपील की कि वे केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें और किसी भी गलत सूचना से बचें।
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क्या है उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024?इस अधिनियम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकना है। इसके तहत नकल करने वाले परीक्षार्थियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अधिनियम में विशेष रूप से यह प्रावधान किया गया है कि नकल करने पर परीक्षार्थी को न केवल परीक्षा से बाहर किया जाएगा, बल्कि नकल करने वाले और नकल करवाने वाले व्यक्तियों को जुर्माना और सजा भी दी जाएगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 की शुरुआत 24 फरवरी से हो रही है और इस बार परीक्षा में कुल 58 लाख से अधिक विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। बोर्ड ने परीक्षा की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है और विद्यार्थियों के लिए परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही, छात्रों को अनुशासन और नकल से बचने के लिए बोर्ड द्वारा विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
यूपी बोर्ड ने परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की नकल की स्थिति से बचने के लिए हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे और अन्य निगरानी उपकरण लगाए हैं। इसके साथ ही, बोर्ड ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे परीक्षा केंद्रों की नियमित निगरानी करें और नकल की किसी भी संभावना को खत्म करें।
- छात्रों के लिए मुख्य निर्देश
- परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचे: परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने के लिए छात्रों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
- सामान्य नियमों का पालन करें: परीक्षा के दौरान सभी सामान्य नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
- नकल से बचें: नकल करते हुए पकड़े जाने पर परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।