राज्य शासन द्वारा स्वीकृत ब्याज राहत योजना अंतर्गत समितियों के माध्यम से बैंक द्वारा कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्प अवधि के लिए ऋण दिया जाता है। किसान यदि समय पर ऋण का भुगतान नहीं करते हैं तो शासन से ब्याज अनुदान की पात्रता नहीं रहती है, और ऐसे किसानो से शून्य प्रतिशत ब्याज दर के स्थान पर निर्धारित ब्याज के साथ-साथ दंड ब्याज भी वसूला जाता है।
CG News: 15 मार्च थी ऋण लेने की अंतिम तिथि
किसान एक वर्ष में जो उपज प्राप्त करता है उसमें से कुछ भाग घरेलू आावश्यकता के लिए रखा जाता है और अतिरिक्त उत्पादन को विक्रय कर वह अपनी अन्य आवश्यकता की पूर्ति और कर्ज अदायगी के लिए करता है। रबी सीजन में ऋण वितरण का लक्ष्य 45 करोड़ रखा गया था, हालाकि इस वर्ष भी लक्ष्य से कम ही ऋण लिया गया है।
रबी सीजन में कम संख्या में किसान ऋण लेते हैं। सहकारी खरीफ सीजन में किसानों ने 426 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। उसमें से अब तक 417 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है। लगभग 80 हजार 37
किसानों ने ऋण का भुगतान किया है। लगभग ढाई हजार किसानों से ऋण वसूली होना शेष है। दो प्रतिशत किसानों से ऋण की वसूली नहीं हो पाई है। 15 मार्च अंतिम तिथि थी। ऋण का भुगतान नहीं करने वाले किसानों को जिला सहकारी बैंक के द्वारा नोटिस दिया जाएगा।
नोटिस के बाद भी ऋण का भुगतान नहीं करने पर बैंक के द्वारा जुर्माना वसूल किया जाएगा। जिला सहकारी बैंक महासमुंद के नोडल अधिकारी ने बताया कि 6180 सदस्यों ने रबी फसल के लिए ऋण लिया है। रबी सीजन में अल्पावधि ऋणों की अदायगी तिथि 15 जून निर्धारित है।
खरीफ सीजन के लिए ऋण एक अप्रैल से
खरीफ सीजन के लिए
ऋण वितरण का कार्य एक अप्रैल से प्रारंभ होगा। खरीफ सीजन के लिए वर्तमान में कोई लक्ष्य नहीं आया है। खरीफ सीजन के ऋण वितरण में तेजी मई और जून माह में आती है। 30 सितंबर तक ऋण का वितरण किया जाता है। ग्रीष्मकालीन धान, गन्ना और साग सब्जी उत्पादन के लिए भी ऋण प्रदान किया जाता है।
जिसे 15 माह के भीतर में भुगतान करना होता है।
किसान विभिन्न फसलों के लिए ऋण लेते हैं। सहकारी बैंक से किसान समूह को भी ऋण का वितरण विभिन्न उद्देश्य के लिए दिया जाता है। किसान खाद, बीज और कीटनाशक दवाआें के लिए ऋण लेते हैं। धान खरीदी के दौरान लिंकिंग के माध्यम से भुगतान करते हैं।