पीड़ित ने डीएम को सुनाया दुखड़ा
तहसीलदार ने सौरभ यादव ने मामला संज्ञान में आने के बाद सुखराम को स्टे दे दिया, ताकि कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त न हो सके। गत दिवस जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह सदर तहसील के औचक निरीक्षण पर पहुंचे तो सुखराम ने उनको अपना दुखड़ा सुनाया।
सुखराम के जीवित होने का प्रमाण दिया
सुखराम की शिकायत सुनने के बाद जिलाधिकारी ने तहसीलदार से बात की। तहसीलदार ने बताया कि इस मामले में उन्होंने अपने न्यायालय से स्टे दे दिया है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि वे तत्काल मौके पर जाकर जांच करें, ताकि पीड़ित को तत्काल न्याय मिल सके। गुरुवार को तहसीलदार ग्राम फैंचरी पहुंचे और मौके पर जांच की। उन्होंने कृषि भूमि भी देखी, जिसमें फसल थी। ग्रामीणों ने भी सुखराम के जीवित होने का प्रमाण दिया।
विभागीय कार्रवाई की संस्तुति
तहसीलदार द्वारा अपने न्यायालय से त्रुटिपूर्ण विरासत को निरस्त कर पुन सुखराम पुत्र छिद्दा का नाम यथावत दर्ज करने का आदेश पारित कर खतौनी में दर्ज कराकर खतौनी सुखराम को प्रदान की गई। तहसीलदार ने बताया कि जांच में सुखराम पुत्र छिद्दा जीवित पाए गए हैं। गलत विरासत दर्ज करने के दोषी लेखपाल रितेश के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई तथा प्राथमिकी दर्ज करने के लिए नोटिस दिया गया है। उन्होंने बताया कि हाथरस के नगला तुंदला के सुखराम की मृत्यु प्रमाण-पत्र लगाया गया था, जिसे देखकर बिना जांच-पड़ताल के लेखपाल ने गलत विरासत दर्ज की है। लेखपाल को अन्य सहखातेदारों, सुखराम के परिजनों और ग्रामीणों से जानकारी करनी चाहिए थी।