महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के तहत पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच अपात्र घोषित की गई इन महिलाओं के खातों में कुल मिलाकर 450 करोड़ रुपये भेजे गए थे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राशि वापस नहीं ली गई है और राज्य सरकार का ऐसा करने का कोई इरादा भी नहीं है।
तटकरे ने कहा, जिन महिलाओं को अपात्र घोषित किया गया है, उन्हें मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का आगे कोई लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन पहले से जमा की गई राशि वापस लेना उचित नहीं होगा।
वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, लाडली बहना योजना में अपात्र महिलाएं अब से योजना का लाभ नहीं ले पाएंगी। कुछ बहनों ने नियमों के बाहर जाकर योजना का लाभ उठाया और जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ तो उन्होंने खुद ही योजना का लाभ लेना बंद कर दिया। सरकार ने योजना के नियम में कोई बदलाव नहीं किया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन पांच लाख महिलाओं को अपात्र माना गया, उनमें से 1.5 लाख महिलाएं 65 वर्ष से अधिक उम्र की थीं, जबकि 1.6 लाख महिलाओं के पास या तो चार पहिया वाहन था या वे ‘नमो शेतकरी योजना’ जैसी अन्य सरकारी योजनाओं की लाभार्थी थीं। करीब 2.3 लाख महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रही थीं, इसलिए वह लाडली बहना योजना (
लाडकी बहीण योजना) के लिए अपात्र हो गईं।
बता दें कि यह योजना जुलाई 2024 में शुरू की गयी थी। तब से अब तक पात्र महिलाओं को सात किश्तों में 10,500 रुपये मिल चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार लाडकी बहीण योजना के तहत 21-65 आयु वर्ग की उन महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। पात्रता की अन्य शर्तों में चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर छोड़कर) न होना और परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी सेवा में न होना शामिल है।